Published On: Sat, May 31st, 2025

Railway’s New Initiative In Jodhpur, State’s First Vande Bharat Coach Maintenance Depot Is Taking Shape – Jodhpur News


राजस्थान के जोधपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के पास प्रदेश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो तेजी से आकार ले रहा है। 167 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस अत्याधुनिक सुविधा का निर्माण इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह डिपो न केवल वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि जोधपुर को भारतीय रेलवे के नक्शे पर एक नई और बड़ी पहचान भी दिलाएगा। इस परियोजना के तहत आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस यह डिपो एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव की क्षमता रखेगा।
 
भगत की कोठी में युद्धस्तर पर निर्माण
जोधपुर मंडल के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार और वाशिंग लाइन के बीच लगभग 600 मीटर लंबे क्षेत्र में इस वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि यह परियोजना राजस्थान में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी। इस डिपो में 600 मीटर लंबी तीन पिट लाइनें बनाई जा रही हैं, जो एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव की सुविधा प्रदान करेंगी। इसके साथ ही 900 मीटर लंबी एक व्हील लैथ और ड्राप पिट लाइन का निर्माण भी प्रगति पर है, जो ट्रेनों के रखरखाव को और आसान बनाएगा।

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वंदे भारत ट्रेनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं

इस मेंटेनेंस डिपो की खासियत इसकी अत्याधुनिक तकनीकों और सुविधाओं में निहित है। वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता मेजर अमित स्वामी ने बताया कि यह डिपो एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों का निरीक्षण करने में सक्षम होगा। इसमें संपूर्ण ट्रेन रैक को उठाने के लिए सिंक्रोनाइज्ड लिफ्टिंग सिस्टम, बोगियों को स्थानांतरित करने के लिए ड्राप पिट टेबल और व्हील टर्निंग सिस्टम के लिए उन्नत मशीनरी स्थापित की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन के बाहरी हिस्सों की सफाई के लिए स्वचालित वाशिंग प्लांट और रखरखाव उपकरणों के लिए एक उन्नत परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी। ये सुविधाएं वंदे भारत ट्रेनों के निर्बाध रखरखाव को सुनिश्चित करेंगी।

 

जोधपुर को मिलेगी नई पहचान

डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि यह वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो जोधपुर को भारतीय रेलवे में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। देश में चार ऐसे डिपो बनाए जा रहे हैं और जोधपुर में बन रहा यह डिपो उनमें से एक है। इस परियोजना से न केवल उत्तर पश्चिम रेलवे का महत्व बढ़ेगा, बल्कि जोधपुर को रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं के विस्तार में एक नई पहचान मिलेगी। इस डिपो के निर्माण से वंदे भारत ट्रेनों का रखरखाव अधिक व्यवस्थित और त्वरित होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिलेगा।

 

रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम

वंदे भारत ट्रेनें अपनी सेमी हाई-स्पीड और आधुनिक सुविधाओं के लिए देशभर में चर्चित हैं। इन ट्रेनों के संचालन में तेजी लाने के साथ-साथ उनके रखरखाव की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। जोधपुर में बन रहा यह मेंटेनेंस डिपो रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डीआरएम ने बताया कि रेलवे ने इस परियोजना को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, और इसके लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। इस डिपो के शुरू होने से वंदे भारत ट्रेनों की तकनीकी दक्षता और विश्वसनीयता में और इजाफा होगा।

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स्थानीय स्तर पर उत्साह

इस परियोजना ने जोधपुर के स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों में उत्साह पैदा किया है। यह डिपो न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। आयोजकों का कहना है कि 167 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह डिपो वंदे भारत ट्रेनों के बेड़े के रखरखाव में एक नया मानक स्थापित करेगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद जोधपुर रेलवे के आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए एक मिसाल बनेगा।

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