Published On: Thu, Jun 20th, 2024

Punjab: 2364 ईटीटी की भर्ती पर लटकी तलवार, परिणाम जारी करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा स्पष्टीकरण


2364 ETT recruitment hangs in the balance in Punjab, High Court stops release of results

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


2364 ईटीटी शिक्षकों की भर्ती पर पंजाब सरकार के एक आदेश के चलते फिर से तलवार लटक गई है। इस भर्ती में डिप्लोमा इन एलिमेट्री एजुकेशन के 18 माह के कोर्स वाले आवेदकों को बाहर करने के निर्णय के चलते मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और हाईकोर्ट ने अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिसंबर में सरकार के दिए गए उस बयान पर भी स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें 8 सप्ताह में परिणाम जारी करने की बात कही गई थी।

याचिका दाखिल करते हुए महावीर सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार ने 2020 में 2364 ईटीटी शिक्षक पद के लिए आवेदन मांगे थे। नियुक्ति के दौरान लिखित परीक्षा और ऊंची शैक्षणिक योग्यता के 5 अंक जोड़ कर मेरिट बनाई जानी थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि नियमों में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि उच्च शैक्षणिक योग्यता के लिए अतिरिक्त अंक दिए जाएं। साथ ही कानूनी प्रावधान के अभाव में भर्ती के लिए न तो कुछ जोड़ा जा सकता है और न ही कुछ समाप्त किया जा सकता है। 

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि पंजाब सरकार ग्रेजुएशन को उच्च योग्यता मान कर उसके 5 अंक दे रही है, जबकि ईटीटी शिक्षक के लिए यह अनिवार्य शर्त नहीं है। ऐसे में अतिरिक्त पांच अंक देने के नियम को खारिज करने की हाईकोर्ट से अपील की गई थी। सिंगल बेंच ने 8 नवंबर 2021 को भर्ती की पूरी प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी उसे भी गत वर्ष सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था। ऐसे में सिंगल बेंच के आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी। 

खंडपीठ ने दिसंबर 2023 में अब अपना फैसला सुनाते हुए सिंगल बेंच के 8 नवंबर के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही पंजाब सरकार को विज्ञापन के अनुसार भर्ती पूरा करने का आदेश दिया था। पंजाब सरकार ने तब कोर्ट को बताया था कि परिणाम तैयार है और 8 सप्ताह में भर्ती पूरी कर ली जाएगी।

अब पंजाब सरकार ने एजी कार्यालय की राय लेकर फिर से योग्यता मानकों में परिवर्तन कर दिया है। इस भर्ती में 18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन कोर्स धारकों को अयोग्य करार दे दिया है। याची ने कहा कि इस प्रकार मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाने के बाद अब अपने स्तर पर एजी कार्यालय से राय लेकर योग्यता में परिवर्तन अवैध है। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही दिसंबर में दी गई अंडरटेकिंग पर भी स्पष्टीकरण मांगा है जिसके अनुसार 8 सप्ताह में भर्ती पूरी करने की दलील दी गई थी।

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