Public opinion: एक ही तारीख पर दो अहम परीक्षाएं… RPSC और UGC-NET एग्जाम क्लैश, छात्रों में भारी रोष!

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Jodhpur News: राजस्थान में फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती और यूजीसी नेट परीक्षा की तिथियों में टकराव से अभ्यर्थी असमंजस में हैं. दोनों परीक्षाएं जून के आखिरी सप्ताह में हैं, जिससे हजारों छात्रों को करियर संकट का साम…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- RPSC और UGC-NET की तिथियों के टकराव से छात्र असमंजस में.
- RPSC ने तिथियों में बदलाव से इनकार किया, छात्रों में नाराजगी.
- छात्रों ने परीक्षा तिथियों में बदलाव की अपील की.
जोधपुर. राजस्थान में फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति गहराती जा रही है. राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 23 जून से 4 जुलाई तक फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही है. वहीं यूजीसी ने राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली नेट परीक्षा की तिथि 25 से 30 जून के बीच घोषित की है. बड़ी संख्या में अभ्यर्थी ऐसे हैं जो इन दोनों परीक्षाओं में सम्मिलित होते हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है कि वे किस परीक्षा को प्राथमिकता दें.
आरपीएससी का रुख और छात्रों की परेशानी
द वीज़न आईएएस, जोधपुर के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि आरपीएससी के नए चेयरमैन ने स्पष्ट किया है कि सरकार की मंशा परीक्षा को तय तिथि पर कराने की है. उनका कहना है कि यूजीसी केवल एलिजिबिलिटी टेस्ट है, जबकि फर्स्ट ग्रेड भर्ती परीक्षा सीधे रोजगार से जुड़ी है. इस कारण आरपीएससी का फोकस रोजगार देने पर है और परीक्षा टालना फिलहाल एजेंडे में नहीं है. लेकिन छात्रों की राय इसके ठीक उलट है. वे कह रहे हैं कि यूजीसी नेट भी उनके करियर के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है. यदि परीक्षा की तारीख में 1 या 2 दिन का बदलाव कर दिया जाए, तो वे दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं. चूंकि तीन विषयों में यूजीसी और आरपीएससी की परीक्षा तिथियां आपस में टकरा रही हैं, इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों को दोनों अवसरों से वंचित करना उनके भविष्य के साथ अन्याय है.
छात्रों का कहना है कि आरपीएससी को यूजीसी नेट परीक्षा की तिथियों को देखते हुए संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. परीक्षा की तिथि में थोड़ा बदलाव करके हजारों छात्रों को राहत दी जा सकती है. विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि अगर एक परीक्षा नौकरी से संबंधित है तो दूसरी भी भविष्य की तैयारी में महत्वपूर्ण पड़ाव है. उनका कहना है कि जब आरपीएससी को पहले से ज्ञात था कि यूजीसी नेट परीक्षा इन्हीं तिथियों में होने वाली है, तब तिथियों का टकराव क्यों होने दिया गया. अब जब स्थिति स्पष्ट है तो उन्हें सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए. छात्रों की मांग है कि आयोग को इस विषय पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए ताकि उन्हें न्याय मिल सके.
परीक्षार्थियों का आरोप- भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
परीक्षार्थी पिंटू सरस्वत ने कहा कि बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. सरकार अगर सही में भर्ती कराना चाहती है तो पूरी तैयारी और ईमानदारी से प्रक्रिया चलाए. छात्रों को यूजीसी नेट और आरपीएससी दोनों परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह परीक्षा महज खानापूर्ति है और पहले की तरह भ्रष्टाचारपूर्ण ढंग से अपनों को ही नियुक्त करने की प्रक्रिया है तो यह बच्चों के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा. उन्होंने आरपीएससी के नए अध्यक्ष से अपील की कि वे इस निर्णय पर पुनः विचार करें और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षा तिथियों में आवश्यक लचीलापन लाएं. परीक्षार्थियों की एक ही मांग है कि उन्हें अपनी मेहनत का पूरा अवसर मिलना चाहिए ताकि वे निष्पक्ष और ईमानदार चयन प्रक्रिया के जरिए आगे बढ़ सकें.