Politics: Congress Hopes Dashed, Now The Onus Is On Cm Sukhu – Amar Ujala Hindi News Live
![](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/05/ad6-min.jpg)
![राजनीति: कांग्रेस की उम्मीदों को झटका, अब मुख्यमंत्री सुक्खू पर दारोमदार Politics: Congress hopes dashed, now the onus is on cm Sukhu](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/09/18/sukhu_374829ca6d0da7b905fe661b0a4fccf7.jpeg?w=414&dpr=1.0)
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हरियाणा में सत्तासीन होने की कांग्रेस की उम्मीदों को झटके के बाद पार्टी को मजबूत करने का दारोमदार हिमाचल के सीएम सुक्खू पर आ गया है। उत्तर भारत में कांग्रेस के एकमात्र मुख्यमंत्री होने के नाते उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन पर न केवल कांग्रेस सरकार को ठीक से चलाने की जिम्मेदारी रहेगी, बल्कि पार्टी को आगे बढ़ाने का भी जिम्मा रहेगा। पार्टी हाईकमान के लिए भी वह महत्वपूर्ण नेता बने रहेंगे।
अगर हरियाणा में कांग्रेस चुनाव जीत जाती तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में कांग्रेस को एक और वरिष्ठ नेता का संबल मिल जाना था, मगर अब इस उत्तरी क्षेत्र में चुनी हुई सरकार के मुखिया के रूप में सुक्खू ही उम्मीद बने रहेंगे। हरियाणा में कांग्रेस की जीत होती तो भाजपा के हमलों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को भी पड़ोसी राज्य से एक और मुख्यमंत्री का साथ मिल जाता।
हुड्डा पहले भी हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। फिर सीएम बनने पर वह ज्यादा अहमियत पाते। पिछले कुछ दशकों में उत्तर भारत में कल्याण सिंह, हरीश रावत, वीरभद्र सिंह जैसे बड़े राजपूत नेताओं का मुख्यमंत्री के रूप में प्रभाव रहा है। कांग्रेस हाईकमान के पास राजपूत नेताओं की इस अग्रिम पंक्ति में उत्तर भारत से अब सुक्खू शामिल हैं। देशभर में वह कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। दक्षिण भारत में कांग्रेस की दो राज्यों में सरकारें हैं।
वहां कर्नाटक में सिद्दारमैया और तेलंगाना में रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री हैं। वरिष्ठता में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में सिद्दारमैया पहले स्थान पर हैं क्योंकि वह पहले दो बार उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि रेवंत रेड्डी सीएम सुक्खू के बाद ही वरिष्ठता में आते हैं। सरकार के अस्तित्व पर संकट की बड़ी परीक्षा पास करके ही सुक्खू ने कांग्रेस को सत्ता में बरकरार रखने में सफलता पाई। यानी, विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को छह में से चार सीटों पर हराकर सीएम सुक्खू का कद बढ़ा।