राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार ने सत्ता में आने के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग के गठन को औपचारिक रूप देते हुए अध्यक्ष और चार सदस्यों की नियुक्ति की गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदनलाल की नियुक्ति की गई है। उनके साथ मोहन मोरवाल, प्रो. राजीव सक्सेना, एडवोकेट गोपाल कृष्णा और पवन मंडाविया को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है।
लोकहित में हटाने का अधिकार सरकार को
जारी आदेश के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से तीन महीने का निर्धारित किया गया है। हालांकि अगर राज्य सरकार की राय में कोई भी सदस्य अथवा अध्यक्ष लोकहित में पद पर उपयुक्त नहीं पाया जाता है, तो उसे पद से हटाया भी जा सकता है। इस तरह सरकार ने कार्यकाल के साथ-साथ आयोग के संचालन पर नियंत्रण का विकल्प भी अपने पास सुरक्षित रखा है।
यह भी पढ़ें- Rajasthan: सेंट्रल जेल में 24 घंटे के भीतर दो कैदियों की मौत, उम्रकैद की सजा काट रहे थे; परिजनों ने उठाए सवाल
जयपुर होगा आयोग का मुख्यालय
आयोग का मुख्यालय राजधानी जयपुर में होगा। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव ने स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र भेजकर आयोग के लिए कार्यालय भवन और आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। इससे स्पष्ट है कि आयोग को जल्द ही पूर्ण क्रियाशील करने की दिशा में प्रशासनिक तैयारियां भी की जा रही हैं।
स्थानीय निकायों और पंचायती राज में आरक्षण पर देगा सुझाव
राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का मुख्य कार्य राजस्थान राज्य में ओबीसी समुदाय को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण उपलब्ध कराने संबंधी सुझाव और अनुशंषाएं तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत करना होगा। आयोग इस दिशा में सामाजिक और विधिक पहलुओं का अध्ययन कर अपनी अनुभवजन्य व शोध आधारित रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखेगा।
यह भी पढ़ें- Jodhpur News: विधि मंत्री जोगाराम पटेल बोले- SI भर्ती मामले में सरकार सभी पक्षों पर विचार कर लेगी उचित फैसला