PM Modi Muslim Vote Bank Politics: ‘पिछली सरकारों में मुसलमान वोट बैंक था, PM मोदी ने इस राजनीति का खात्मा कर दिया’

अजमेर. अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने रविवार को कहा कि पिछली सरकारों में मुसलमान एक वोट बैंक थे. उनके उत्थान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती थीं, लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट बैंक की राजनीति का खात्मा किया.
उन्होंने बताया कि 11 साल पहले एक नैरेटिव था कि बीजेपी आएगी तो ऐसा होगा, वैसा होगा. तो वह काफी हद तक आज उससे विपरीत स्थिति है और देश का मुसलमान प्रधानमंत्री जी के साथ है. देश के मुसलमान का विश्वास प्रधानमंत्री जी में है, भारत सरकार में है और भारत सरकार भी पूरी तरह से देश के मुसलमानों को साथ लेकर चल रही है. जो भी योजनाएं आती हैं भारत सरकार की, वे बिना जाति-धर्म के आती हैं और देशवासियों के लिए आती हैं. उसमें सभी लाभ उठाते हैं. उसमें सभी मजहब के लोग आते हैं. इसलिए भारत के प्रधानमंत्री जी में सबका विश्वास बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि हम लोग यही कहते आए हैं, देश में मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक न समझा जाए. आज पिछले 50 साल में मुसलमानों को एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया था. उनके उत्थान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती थीं लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जाता था. जमीनी स्तर पर न तो वह कोई चीज नजर आती थी. मोदी सरकार ने विशेष तौर पर माइनॉरिटी, जिसमें मुसलमान भी आते हैं, उनके लिए कई योजनाएं चलाई हैं और खास तौर पर उन्होंने मुसलमानों के उत्थान के लिए हमेशा अपनी बात सार्वजनिक तौर पर जनता के सामने रखी है कि मुस्लिम महिलाओं का विकास हो, मुस्लिम बच्चों का विकास हो, एक हाथ में कुरान हो तो एक हाथ में कंप्यूटर हो. इस मिशन को लेकर पीएम मोदी चले हैं और पूरा यकीन है कि मुसलमानों को वोट बैंक की जो राजनीति है, उससे बाहर निकाला है.