अजमेर में रविवार को बजरंगगढ़ चौराहा स्थित विजय स्मारक पर स्वदेशी जागरण मंच द्वारा विदेशी सामान की होली जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। यह आयोजन ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन देशों के विरोध में किया गया जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन किया है। विशेष रूप से चीन, टर्की और उज्बेकिस्तान के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए मंच के कार्यकर्ताओं ने स्वदेशी अपनाने और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का नेतृत्व मंच के संयोजक डॉ. संत कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने वीरता का परिचय दिया है, ऐसे में प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह देशविरोधी रुख अपनाने वाले देशों के उत्पादों का बहिष्कार करे। उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि हम देशभक्ति को केवल शब्दों तक सीमित न रखें, बल्कि अपने क्रियाकलापों में भी उसे उतारें। विदेशी वस्तुओं का त्याग कर हम देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकते हैं और दुश्मन देशों को आर्थिक चोट पहुंचा सकते हैं।
डॉ. संत कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए लोकल फॉर वोकल के आह्वान को याद दिलाते हुए कहा कि यह आंदोलन उसी विचारधारा को मजबूत करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि यह प्रतीकात्मक होली देशवासियों को यह संदेश देती है कि विदेशी वस्तुएं सिर्फ सुविधाजनक नहीं बल्कि कभी-कभी राष्ट्रविरोधी ताकतों को समर्थन देने का जरिया बन जाती हैं।
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इस अवसर पर मंच के कार्यकर्ताओं ने स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ के नारे लगाए और विदेशी उत्पादों की होली जलाकर उनका विरोध जताया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, व्यापारियों और युवाओं ने भाग लिया। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में यह शपथ ली कि वे न सिर्फ खुद विदेशी वस्तुओं का त्याग करेंगे बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य देशवासियों को जागरूक करना और यह संदेश देना था कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सीमा पर नहीं, बल्कि बाजार और उपभोक्ता के स्तर पर भी लड़ी जाती है। विदेशी उत्पादों की जगह स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देकर हम न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान को भी ऊंचा उठा सकते हैं।