Parents of Agniveer who died in Kashmir appeals for probe into sons death – ‘..ताकि अग्निवीर में जाने से कोई न डरे’, पिता बोले

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कश्मीर में संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के अग्निवीर सैनिक के माता-पिता ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपने बेटे की मौत की जांच कराने और उन्हें न्याय दिलाने की अपील की है। कश्मीर के अखनूर के टांडा इलाके में तैनात निखिल डडवाल की गुरुवार को मौत हो गई थी। वह अग्निवीरों के पहले बैच से थे और सेना में दो साल पूरे कर चुके थे। मृत अग्निवीर के पिता का कहना है कि उनके बेटे को न्याय मिलना चाहिए, ताकि अग्निवीर जैसी योजना में शामिल होने से कोई न डरे।
डडवाल के घरवालों ने बताया कि सेना की ओर से पहले परिवार को बताया गया था कि वह गंभीर रूप से घायल है, लेकिन बाद में बताया गया कि उसकी मौत हो गई। इस बारे में निखिल के पिता दलेर सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्हें फोन पर बताया गया था कि उनके बेटे को चोट लगी है और बाद में उसकी मौत हो गई। उन्होंने बेटे की मौत के कारणों की जांच कराने का आग्रह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है।
दलेर सिंह जो कि टैक्सी ड्राइवर हैं, उन्होंने कहा कि ‘निखिल बहुत परिश्रमी था और उसने कभी ऐसा कुछ करने के बारे में नहीं सोचा होगा। इस मामले की जांच होनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए ताकि कोई भी अग्निवीर जैसी योजनाओं में शामिल होने से न डरे।’
मृत सैनिक के भाई अखिल ने भी सरकार से उसकी मौत की जांच करते हुए उसे न्याय दिलाने की मांग की है। परिजनों ने कहा कि, ‘मौत कैसे हुई? इसका पता लगाया जाना चाहिए।’ परिवार को शक है कि उनके बेटे की मौत के पीछे कोई रहस्य है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
सैनिक का पार्थिव शरीर शुक्रवार को हिमाचल के हमीरपुर जिले में उनके पैतृक गांव लाहलारी लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने परिवार को भेजे संदेश में कहा कि अग्निवीर निखिल की असामयिक मौत की खबर बेहद दुखद है। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उपायुक्त अमरजीत सिंह और एसपी भगत सिंह भी निखिल के घर पहुंचे और उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।
शुक्रवार को जब निखिल का अंतिम संस्कार किया गया, तो इस दौरान वहां सैकड़ों की संख्या में स्थानीय और अन्य लोग मौजूद थे। इस दौरान गांव का माहौल बेहद गमगीन था और लोग गांव के लाल को विदाई देते हुए लोग भावुक हो उठे। लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण गांधी, जो कश्मीर से हमीरपुर तक शव के साथ आए थे, ने अग्निवीर की मौत के पीछे के कारण के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।