Pappu Yadav: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से पूर्णिया सांसद को फिर मिली जान से मारने की धमकी, दिल्ली में FIR


सांसद पप्पू यादव दूसरी बार जान से मारने की धमकी दी गई है
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। इस बार धमकी वाट्सएप मैसेज के जरिए दी गई है, जिसमें धमकी देने वाले ने खुद को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया है। पप्पू यादव के निजी सांसद सचिव मोहम्मद सादिक आलम ने इस धमकी को लेकर दिल्ली के एक थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
समर्थक और परिवार चिंता में
मोहम्मद सादिक आलम ने बताया कि उन्हें सात नवंबर की रात 2:25 बजे और फिर सुबह 9:49 बजे उनके मोबाइल नंबर पर 7357853054 से वाट्सएप मैसेज मिला। उसमें सांसद पप्पू यादव को सुपारी लेकर मारने की धमकी दी गई। धमकी देने वाले ने खुद को कोडी भाई बताया और उसके वाट्सएप प्रोफाइल फोटो में लॉरेंस बिश्नोई का फोटो लगा हुआ था। इस घटना ने सांसद के समर्थकों और परिवार में चिंता का माहौल बना दिया है।
कुछ दिन पहले भी मिली थी जान से मारने की धमकी
यह पहला मौका नहीं है जब पप्पू यादव को इस तरह की धमकी मिली है। कुछ दिन पहले भी पप्पू यादव को वाट्सएप के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस मामले में पूर्णिया पुलिस ने दिल्ली से एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन इसके बावजूद धमकियों का सिलसिला जारी है। पप्पू यादव के निजी सचिव का कहना है कि इस बार धमकी देने का तरीका पहले जैसा ही था, जिसमें दोबारा लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम और उसकी तस्वीर का उपयोग किया गया।
पप्पू यादव बिहार की राजनीति में अपने बेबाक अंदाज और जनता के मुद्दों पर खुलकर बोलने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई मौकों पर बिहार में माफियाओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उनके समर्थकों में रोष है। वे इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस धमकी देने वाले के नंबर का पता लगाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली पुलिस इस मामले में साइबर क्राइम सेल की मदद से धमकी देने वाले की पहचान करने और उसके संबंध में ठोस कार्रवाई करने का प्रयास कर रही है।
धमकी के बाद सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वह इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और अपनी आवाज को और भी बुलंद करेंगे। उनके समर्थकों और स्थानीय लोगों ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।