Pali News: पाली में भीषण गर्मी: सोमनाथ महादेव मंदिर में एसी की व्यवस्था

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Somnath Mahadev Mandir: पाली के सोमनाथ महादेव मंदिर में भीषण गर्मी से भगवान को राहत देने के लिए एसी की व्यवस्था की गई है. शिवलिंग पर 24 घंटे जलधारा बहती है. मंदिर का सीधा कनेक्शन सौराष्ट्र के सोमनाथ महादेव मंदि…और पढ़ें

Somnath Mahadev Mandir
हाइलाइट्स
- पाली के सोमनाथ महादेव मंदिर में एसी की व्यवस्था की गई.
- शिवलिंग पर 24 घंटे जलधारा बहती है.
- मंदिर का सीधा कनेक्शन सौराष्ट्र के सोमनाथ महादेव मंदिर से है.
Somnath Mahadev Mandir: भीषण गर्मी में इंसान ही नहीं, भगवान को भी राहत देने की कोशिशें हो रही हैं. पाली जिले के श्रद्धालु, सोमनाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव के लिए एसी की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि उन्हें चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से बचाया जा सके. मान्यता है कि भगवान सांसारिक ताप और ठंड से परे होते हैं, लेकिन भक्तों का विश्वास है कि सेवा भाव से किए गए हर प्रयास का फल मिलता है. इसी भावना से भक्त भगवान को भी गर्मी से राहत देने की कोशिश कर रहे हैं. यह वही सोमनाथ महादेव मंदिर है जिसका सीधा संबंध सौराष्ट्र के सोमनाथ महादेव मंदिर से है. वर्ष 1152 में सौराष्ट्र से लाया गया शिवलिंग इस मंदिर में स्थापित किया गया था.
शिवलिंग पर 24 घंटे जलधारा बहती
शिवलिंग पर 24 घंटे जलधारा बहती है सोमनाथ महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि जैसे हम गर्मी में एक मिनट खड़े नहीं रह पाते, वैसे ही भगवान को भी गर्मी से राहत देने के लिए एसी लगाया गया है. इसके साथ ही शिवलिंग पर 24 घंटे जलधारा बहती रहती है. जब मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होती है तो इसका मतलब होता है कि मूर्ति में प्राण डाले जाते हैं. इसलिए जैसे हम अपना ध्यान रखते हैं, वैसे ही भगवान का भी ध्यान रखा जाता है.
भगवान को गर्मी से बचाने के लिए किया उपाय
भगवान को गर्मी से बचाने के लिए एसी की व्यवस्था वर्तमान में तापमान बहुत अधिक है और भगवान की प्रतिमाओं को गर्मी से बचाने के लिए एसी लगाई गई है. साथ ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत मिल सके, इसका ध्यान रखा गया है. सोमनाथ महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस एसी से राहत मिलती है.
हर मौसम में भगवान का ध्यान रखा जाता
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा इसलिए जरूरी मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें मूर्ति को जीवन शक्ति प्रदान की जाती है. इस प्रक्रिया में देवताओं को मूर्ति में बुलाकर उनकी उपस्थिति का अंश मूर्ति में शामिल किया जाता है. माना जाता है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में देवता का निवास होता है और भक्त उसकी पूजा कर सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए हर मौसम में भगवान का ध्यान रखा जाता है.
शिवलिंग को इस मंदिर में स्थापित किया
मंदिर की मान्यता पाली के ध्वस्त सोमेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कुमारपाल ने वर्ष 1140 में शुरू करवाया. कहते हैं कि रात-दिन निर्माण कार्य चला. सैनिकों ने तेल की घाणी कर मशालें जलाईं और कार्य पूरा करवाया. यही सैनिक आगे चलकर घांची कहलाए. जो आज भी सोमनाथ महादेव को अपना इष्ट देव मानते हैं. वर्ष 1152 में सौराष्ट्र से लाए गए शिवलिंग को इस मंदिर में स्थापित किया गया और वैशाख शुक्ल 4, संवत 1209 को प्रतिष्ठित कर सोमनाथ महादेव नाम दिया गया.
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