Published On: Fri, Aug 2nd, 2024

Opinion: चीन की हरकतों पर नकेल कसने को मोदी सरकार ने बनाया पुख्ता प्लान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को लेकर भारत के प्लान में विशेष रणनीति बनाई है. इसके तहत इससे जुड़े सभी पक्षों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बारीक अध्ययन किया है . इसी का परिणाम है कि आज देश के सीमावर्ती गांवों को देश का आखिरी गांव नहीं बल्कि पहला गांव कहा जा रहा है. इन गावों का विकास तो किया ही जा रहा है इसके साथ ही इसके माध्यम से चीन पर नकेल भी कसी जा रही है. इसके तहत मोदी सरकार ने ऐसा प्‍लान बनाया है, जिसकी काट चालाक चीन के पास भी नहीं है. इसके लिए सरकार चीन के दरवाजे तक बाकायदा सड़क बना रही है, ताकि हमारी सीमा में दोबारा दखल देने की किसी भी तरह की कोशिश को नाकाम किया जा सके. इस प्‍लान के तहत बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने सेंट्रल पब्लिक वर्क्‍स डिपार्टमेंट और नेशनल प्रोजेक्‍ट कंस्‍ट्रक्‍शन कॉरपोरेशन के साथ मिलकर भारत-चीन सीमा पर सड़क बनाने की रणनीति का तीसरा फेज शुरू किया है.

2020 में जब चीन ने लद्दाख में गलवान घाटी में आकर भारतीय सीमा में दखल दिया था और दोनों देश की सीमाओं के बीच झड़प भी हुई थी. इसके बाद से ही मोदी सरकार ने भारतीय सीमा को ज्‍यादा पुख्‍ता बनाने के लिए लगातार सड़क निर्माण की प्‍लानिंग पर काम शुरू किया. इसके तहत भारत-चीन की सीमा लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LOC) पर चौड़ी सड़कों का निर्माण शुरू कर दिया था. भारत और चीन अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड में 3,488 किलोमीटर की सीमा को साझा करते हैं. इस पूरी सीमा पर सड़क बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया. इसको लेकर सरकार ने तीन स्तरीय कदम उठाए रणनीति बनाई.

तीसरे फेज की बनी ऐसी रणनीति
सड़क निर्माण के तीसरे फेज के तहत सरकार पूर्वी लद्दाख में 5 नई सड़कों का निर्माण करेगी. इसके अलावा कई सड़कों को 2 से 4 लेन का किया जाएगा. तीसरे फेज के तहत सरकार दुनिया की सबसे ऊंची टनल का भी निर्माण करने जा रही है. 4.1 किलोमीटर लंबी यह टनल 16,580 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही और इसी सप्‍ताह इसके निर्माण का काम शुरू भी हो चुका है. इस टनल का निर्माण पूरा होने के बाद किसी भी मौसम में मनाली से लद्दाख तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.

पहले और दूसरे फेज में इस तरह का हुआ काम
सरकार ने पहले और दूसरे फेज के तहत 73 सड़कें बनाने का प्‍लान तैयार किया था, जिसमें से बीआरओ ने 61 सड़कों का निर्माण लगभग पूरा भी कर दिया है. सरकार ने तीसरे फेज के लिए 6,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, सड़क निर्माण के लिए. इसके अलावा गृह मंत्रालय को 1,050 करोड़ रुपये का आवंटन सीमा पर स्थित गांवों के विकास के लिए भी किया गया है. परियोजना के तहत 19 जिलों के 2,967 गांवों का विकास किया जाना है. ये गांव अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और लद्दाख क्षेत्र के हैं.

गांवों का भी हो रहा विकास
आपको बता दें कि सरकार न सिर्फ सीमा पर सड़कों का विकास कर रही है, बल्कि गांवों के डेवलपमेंट पर भी पूरा जोर दे रही है. पहले फेज के तहत 662 गांवों की पहचान की गई थी, जिसमें 455 अरुणाचल प्रदेश के और 35 गांव लद्दाख के थे. डोकलाम में चीन के साथ झड़प होने के बाद से ही सरकार ने हर साल 470 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्‍य बना लिया है, ताकि जल्‍द से जल्‍द चीन सीमा पर सड़क निर्माण पूरा किया जा सके.

बीजेपी के युवा प्रवक्ता जयराम विप्लव का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में व्यवहारिकता का भाव दिखाई देता है जिसमे वे सभी का सम्मान करते है साथ ही वे आंख में आंख मिलाकर वार्ता भी करते हैं. चीन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की नीति को इसी परिपेक्ष में समझा जाना चाहिए. जयराम विप्लव का यह भी मानना है कि पीएम मोदी की विदेश नीति किसी देश के खिलाफ नहीं बल्कि भारत के विकास और हितों को ध्यान में रख कर बनाया जाता है. उनका कहना है कि मोदी जी वैश्विक जरूरत के साथ साथ भारत के हित को भी ध्यान में रखते हैं.

Tags: China news, Nepal News, PM Modi

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