ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल की महिला जवानों ने अपने साहस और शक्ति की शानदार मिसाल कायम की। अखनूर सेक्टर में बीएसएफ की ये महिला जवान पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मन के इरादे पस्त करने के लिए डटी रहीं। बटालियन मुख्यालय में स्थानांतरित होने का विकल्प मिलने के बाद भी संघर्ष के मोर्चे पर डटी रहीं।
बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) वीरेंद्र दत्ता ने महिला जवानों के हौसले की जमकर सराहना की है। डीआईजी दत्ता ने कहा, बीएसएफ भारतीय पोस्ट पर हमला होने के हालात में हर तरह से इसका माकूल जवाब देने के लिए तैयार थी। जैसे ही दुश्मन ने हमला बोला, बीएसएफ ने भी ताबड़तोड़ जवाबी गोलाबारी की और इस दौरान हमारी महिला जवानों ने साबित कर दिया कि वे वास्तव में शक्ति का अवतार हैं।
हमने अंधाधुंध गोलीबारी कर दुश्मन की आठ अग्रिम चौकियों को नेस्तनाबूत कर दिया। यहीं नहीं, हमने उनके लॉन्चिंग पैड व हवाई निगरानी प्रणाली को भी तबाह कर दिया। इस दौरान हमारी महिला कंपनी कमांडर ने पाकिस्तान की एक चौकी को पूरी तरह से उड़ा दिया।
बटालियन को दिया गया था मुख्यालय जाने का विकल्प
सांबा में एक बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि उन्हें महिला सैनिक शब्द से छुटकारा पाने की जरूरत है, क्योंकि ये महिला जवान पुरुषों से किसी भी तरह से कम नहीं हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि जब सीमा पार से गोलीबारी बढ़ी, तो महिला अधिकारियों को बटालियन मुख्यालय में स्थानांतरित होने का विकल्प दिया गया, लेकिन उन्होंने न सिर्फ अपनी ड्यूटी जारी रखी बल्कि बखूबी अपने कर्तव्य का भी पालन किया।
अधिकारी ने कहा-मुझे खुशी है कि कोई भी महिला सैनिक पीछे नहीं हटी। वे सभी यहां अपनी ड्यूटी निभाने और अपनी काबीलियत साबित करने के लिए मजबूत इरादों के साथ डटी रहीं।
घुसपैठ को किया नाकाम
अधिकारी ने कहा, जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में पाकिस्तान ने आठ मई को जब संघर्ष विराम उल्लंघन की आड़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर घुसपैठ की कोशिश की तो बीएसएफ ने 45-50 आतंकियों की घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया। दुश्मन की चौकियों को नष्ट करने के लिए भारी मोर्टार फायर किया।
बीएसएफ उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एसएस मंड के मुताबिक, बीएसएफ ने गोलाबारी का जोरदार जवाब दिया। दुश्मन की चौकियों को नष्ट कर आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश से रोक दिया।
बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि इस हालात का सामना करने के लिए बल अच्छी तरह से तैयार थे। बताते चलें कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। बाद में पाकिस्तान के डीजीएमओ के अपने भारतीय समकक्ष को किए गए कॉल के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति हुई।