‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान में मारे गए लोगों के लिए कोलंबिया की संवेदना पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने निराशा जताई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कहा कि आतंकवादियों को मारने वालों और खुद की रक्षा करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। शशि थरूर सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को व्यक्त करने के लिए सरकार के वैश्विक आउटरीच के हिस्से के रूप में कोलंबिया में हैं। उन्होंने कहा, ‘हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं, जिसने आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में जान गंवाने वालों पर संवेदना व्यक्त की।’
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने दोहराया कि नई दिल्ली के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हाथ था। हमले में आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा, ‘हम केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। हम परिस्थितियों के बारे में कोलंबिया से विस्तार से बात करके बहुत खुश हैं। जिस तरह कोलंबिया ने कई आतंकी हमलों को झेला है, उसी तरह भारत में भी हमने झेला है। हमने लगभग चार दशकों में बहुत बड़ी संख्या में हमलों को झेला है।’
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‘पाकिस्तान के सभी रक्षा उपकरणों का 81 प्रतिशत चीन से मिले’
थरूर ने यह भी माना कि पाकिस्तान के सभी रक्षा उपकरणों का 81 प्रतिशत चीन आपूर्ति करता है। साथ ही उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘रक्षा एक विनम्र शब्द है, पाकिस्तानी सैन्य उपकरणों में से अधिकांश रक्षा के लिए नहीं, बल्कि हमले के लिए हैं। हमारी लड़ाई हमारे खिलाफ आतंक फैलाने वालों से है।’
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन?
प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। यह समूह उन सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने का काम सौंपा है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। आतंकियों ने 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। भारत ने 6-7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने कायराना हरकत कर भारत को उकसाने की कोशिश की। भारतीय सशस्त्र बलों ने भी पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का फैसला किया।