One In Seven Prisoners In Kanda And Kaithu Jails Suffer From Depression Psychiatrists Are Treating Them – Amar Ujala Hindi News Live


सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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राजधानी की जेलों में लंबे समय से जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी अवसाद का शिकार हो रहे हैं। जेलों में समय-समय पर कैदियों की चिकित्सा जांच अभियान में यह बात सामने आई है। जांच से पता चलता है कि सात में से एक कैदी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति से ग्रसित हैं। इसमें अधिकतर 35 से 40 साल के युवा शामिल हैं। हालांकि, अवसाद (डिप्रेशन) के शिकार कैदियों का मनोवैज्ञानिक तरीके से इलाज किया जा रहा है।
इसके तहत मनोचिकित्सक डॉक्टर अवसाद ग्रसित कैदियों की काउंसलिंग कर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं। अपराध और नशे के धंधे से जुड़े अपराधियों को अपराध की दुनिया से बाहर निकालने के लिए इन कैदियों की काउंसलिंग की जाती है, ताकि वह जेल से बाहर निकलने के बाद साफ-सुथरे रास्ते पर चल सकें। मेंटल हेल्थ डे के उपलक्ष्य पर कैदियों को अवसाद की गंभीर समस्या से निजात दिलवाने के लिए जेल प्रशासन ने एक मुहिम शुरू की है।
आदर्श केंद्रीय कारागार कंडा और जिला कारागार कैथू में शनिवार को जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से बंदियों, कैदियों के लिए मनोचिकित्सा शिविर लगाया गया। यहां पर मनोचिकित्सकों ने अवसाद रोग से ग्रसित करीब करीब 70 बंदियों और कैदियों की स्वास्थ्य जांच की। मनोचिकित्सक पहले उनसे उनकी जिंदगी के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके बाद उनकी काउंसलिंग कर उनका इलाज किया जाता है। इसके अलावा योग और धार्मिक आस्था से जोड़कर भी अवसाद का निदान किया जा रहा है। जेल अधीक्षक सुशील ठाकुर ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को अवसाद की बीमारी से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।