NOTA performed wonders in Himachal Pradesh 72 percent candidates lagged behind NOTA 78 per cent lost deposits Lok Sabha Polls

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Himachal Pradesh NOTA Impact: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के आंकड़े बेहद दिलचस्प रहे हैं। जहां चुनाव मैदान में उतरे 72 प्रतिशत प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले और 78 प्रतिशत प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी और चारों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज करते हुए लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप किया। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को छोड़कर अन्य कोई भी जमानत नहीं बचा पाया।
चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध अंतिम आंकड़ों के मुताबिक राज्य की चारों सीटों पर कुल 37 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई और इनमें 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इस तरह 78 प्रतिशत प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। कुल 37 प्रत्याशियों में से 27 को नोटा की तुलना में कम वोट मिले हैं। राज्य की सभी सीटों पर कुल 23,125 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। कांगड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा और हमीरपुर सीट पर सबसे कम लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नोटा से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे।
कांगड़ा लोकसभा सीट पर 6,372 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर किस्मत आजमा रहे 10 प्रत्याशियों में से सात प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट पड़े। सबसे कम 545 मत निर्दलीय प्रत्याशी को मिले। भाजपा के राजीव भारद्वाज ने यह सीट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के आनंद शर्मा से 2.82 लाख के अंतर से जीती।
मंडी लोकसभा सीट पर भी 10 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और इनमें से आठ प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट पड़े। इस सीट पर 5,645 लोगों ने नोटा दबाया। निर्दलीय प्रत्याशी आशुतोष को सबसे कम 286 मत पड़े। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत 74 हज़ार मतों से विजयी रही। उन्होंने कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हराया।
हमीरपुर लोस सीट पर 5178 लोगों ने नोटा को चुना। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर अन्य कोई भी प्रत्याशी नोटा से ज्यादा वोट नहीं ले पाया। यहां 12 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और 10 प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट पड़े। निर्दलीय प्रत्याशी गोपीचंद को सबसे कम 202 वोट मिले। भाजपा के दिग्गज नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के सतपाल रायजादा को 1.84 लाख से हराकर लगातार पांचवीं जीत हासिल की।
शिमला लोकसभा सीट पर 5,930 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर पांच प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और दो प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले। अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मदन लाल को सबसे कम 4,686 वोट पड़े। भाजपा के सुरेश कश्यप ने दूसरी बार यह सीट अपने नाम की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी को 91 हज़ार मतों से मात दी।
हिमाचल में 40.55 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से 23,125 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी को वोट देने की बजाय नोटा का बटन दबाना पसंद किया। हालांकि यह संख्या पिछले लोकसभा चुनाव से कम है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 33 हज़ार लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था।