Published On: Fri, Jun 7th, 2024

Not Too Many More Vibrant Democracies In The World Than India: US | अमेरिका ने भारत के चुनाव की तारीफ की: कहा- भारत में जीवंत लोकतंत्र; US मीडिया ने कहा था- BJP जीती तो मुस्लिमों के लिए खतरा


न्यूयॉर्क1 मिनट पहले

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व्हाइट हाउस बोला- बाइडेन नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती और गहरी करना चाहते हैं। - Dainik Bhaskar

व्हाइट हाउस बोला- बाइडेन नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती और गहरी करना चाहते हैं।

अमेरिका ने भारत में हो रहे चुनाव की सराहना की है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार (17 मई) को कहा, ‘दुनिया में भारत से ज्यादा जीवंत लोकतंत्र कहीं और नहीं हैं। भारतीयों की वोट देने और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की क्षमता तारीफ के काबिल है।’

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिका भारत में हो रहे चुनाव को करीब से देख रहा है। हम इस प्रक्रिया में लगातार सुधार की मांग करते हैं।

किर्बी ने कहा, “भारत में 96 करोड़ लोग वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा बन रहे हैं, जो 2,660 रजिस्टर्ड पार्टियों के कैंडिडेट को चुनने वाले हैं। भारतीय हजारों उम्मीदवारों में से 545 संसद सदस्यों का चुनाव कर रहे हैं, जिसके के लिए 10 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन हैं।”

व्हाइट हाउस का ये बयान तब सामने आया है जब ग्लोबल मीडिया भारत में हो रहे चुनाव को लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहा है। चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

एक नजर अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स पर…

अमेरिकी मीडिया हाउस 'द कन्वर्सेशन' ने भारत हो रहे चुनाव को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।

अमेरिकी मीडिया हाउस ‘द कन्वर्सेशन’ ने भारत हो रहे चुनाव को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।

अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने चुनाव को मुस्लिमों के खिलाफ बताया था।

अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने चुनाव को मुस्लिमों के खिलाफ बताया था।

अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने बॉलीवुड पर चुनाव में BJP का साथ देने का आरोप लगाया है।

अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने बॉलीवुड पर चुनाव में BJP का साथ देने का आरोप लगाया है।

FOX न्यूज ने चुनाव में BJP के जीतने से देश के 20 करोड़ मुस्लिमों के खतरा बताया है।

FOX न्यूज ने चुनाव में BJP के जीतने से देश के 20 करोड़ मुस्लिमों के खतरा बताया है।

ब्लूमबर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव में ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है।

ब्लूमबर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव में ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है।

भारत-अमेरिका के संबंधों पर व्हाइट हाउस
किर्बी ने बताया, “अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले तीन सालों से भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत किया। बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती और गहरी करना चाहते हैं। हमने भारत के साथ मिलकर नई टेक्नोलॉजिस्ट इंडस्ट्रीज और इंडो-पैसेफिक क्वाड को बढ़ाया है। दोनों देशों की सेनाएं भी कई युद्ध अभ्यास में हिस्सा ले चुकी हैं।”

बाइडेन ने कहा था भारत प्रवासियों से नफरत करने वाला देश, व्हाइट हाउस ने चुप्पी साधी
हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि भारत और चीन जैसे देश प्रवासियों से नफरत करते हैं। जब किर्बी से इस पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने इसे टाल दिया।दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 मई को कहा था कि विदेशियों से नफरत के चलते भारत और चीन जैसे देशों का आर्थिक विकास धीमा है। ये नहीं चाहते कि प्रवासी इनके देश में जाएं, जबकि प्रवासी हमें मजबूत बनाते हैं।

अमेरिका में साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। अमेरिकी मीडिया हाइस CNN के मुताबिक बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रवासी वोटरों पर नजर है। ऐसे में वे प्रवासियों को रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

बाइडेन ने वॉशिंगटन में कहा था, ‘अमेरिका की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। इसकी एक वजह प्रवासी हैं। प्रवासियों ने हमें मजबूत किया है। बाइडेन ने कहा,’ हम प्रवासियों का स्वागत करते हैं।’

भारत-अमेरिका के रिश्तों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

अमेरिका बोला-भारत ने रूसी तेल खरीदा क्योंकि हम चाहते थे:कीमतें कंट्रोल करनी थी; जयशंकर ने कहा था- हम पर तेल न खरीदने का दबाव था
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत ने रूस का तेल खरीदा क्योंकि हम चाहते थे कि कोई उनका तेल खरीदे। ये हमारी पॉलिसी का डिजाइन था। हम नहीं चाहते थे कि तेल की कीमतें बढे़ं।’ दरअसल, यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस से तेल और गैस खरीदने पर पाबंदियां लगा दी थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

अमेरिकी सांसद बोले-भारत मानवाधिकारों पर लेक्चर नहीं सुनेगा:कहा- हम अमेरिकी लोकतंत्र की खामियां स्वीकारेंगे वे तभी हमसे बात करेंगे
अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों का कहना है कि वे भारत के साथ मानवाधिकारों का मुद्दा उठाते रहेंगे। हालांकि, भारत उन पर काम नहीं करेगा। अमेरिका में गुरुवार को ‘देसी डिसाइड्स’ नाम की एक समिट हुई। इसमें अमेरिकी चुनाव में भारतवंशियों के प्रभाव को लेकर चर्चा हुई।

इसी दौरान सांसद आर ओ खन्ना ने कहा कि अमेरिका को मनवाधिकारों के मुद्दों पर भारत की लीडरशिप से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत पर 100 साल तक विदेशी हुकूमत का राज था। तो जब आप भारत को मानवाधिकारों पर लेक्चर देंगे तो वो आपकी बात नहीं सुनेंगे। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

जयशंकर बोले- हमने हर धर्म-समाज के लोगों को अपनाया:बाइडेन ने कहा था- भारत प्रवासियों से नफरत करने वाला देश, इसलिए आर्थिक विकास में पिछड़ा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने भारत को प्रवासियों से नफरत करने वाला देश बताया था। जयशंकर ने कहा, ‘भारत हमेशा से एक यूनीक देश रहा है…पढ़े पूरी खबर

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