Published On: Thu, May 29th, 2025

Not only a fee revision committee, DMRC should also be formed | अभिभावक संघ बोला- शिक्षा विभाग और मंत्रालय स्कूलों की कठपुतली: खुद के बनाएं कानून की अवहेलना कर रहे, इसकी सजा प्रदेश के पेरेंट्स भुगत रहे – Rajasthan News



निजी स्कूलों की फीस पर कानून बने सालों बीत चुके हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही और कानून की अनदेखी के चलते आज तक प्रदेश स्तरीय रिवीजन कमेटी नहीं बनाई गई। संयुक्त अभिभावक संघ ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है। संघ ने कहा- शिक्षा विभाग हो या शिक्षा

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उन्होंने कहा- इसकी सजा प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावक भुगतने पर मजबूर हो रहे है। अब राजस्थान हाइकोर्ट स्कूल फीस एक्ट मामले पर सख्त है। शिक्षा विभाग को तीन सप्ताह में फीस रिवीजन कमेटी गठित करने की चेतावनी दी है। रिवीजन कमेटी के साथ डीएमआरसी का भी गठन करना चाहिए। साल 2016-17 जब स्कूल फीस एक्ट कानून विधानसभा के पटल पर स्वीकृत हुआ था। उस दौरान डीएमआरसी का गठन हुआ था। इसके बाद पिछले 9 सालों में आजतक भी डीएमआरसी (डिस्ट्रिक लेवल फीस कमेटी) का गठन शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया गया है।

संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा- प्रदेश का अभिभावक केवल निजी स्कूलों की मनमानी से ही प्रताड़ित है। बल्कि शिक्षा विभाग व शिक्षा मंत्रालय से भी अधिक प्रताड़ित है। स्कूल स्तर की शिकायतों के लिए अभिभावकों को शिक्षा विभाग और मंत्रालय की ठोकरें खानी पड़ती है। उसके बावजूद अभिभावकों को न्याय नहीं मिलता है। इस प्रकार से फीस रिवीजन कमेटी का गठन ना कर स्कूलों को मनमानी करने की छूट दी जा रही है। ठीक उसी प्रकार डीएमआरसी का गठन न कर अभिभावकों की आवाज भी दबाई जा रही है।

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