Published On: Thu, Jan 2nd, 2025

Muzaffarpur Girls Home Case: साक्ष्य अभाव में बाइज्जत बरी हुआ ब्रजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन, जानिए पूरा मामला


Muzaffarpur Girls Home Case Brajesh Thakur Shaista Parveen were honorably acquitted due to lack of evidence

बाइज्जत बरी हुआ ब्रजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मुजफ्फरपुर जिले की चर्चित स्वाधार गृहकांड में गुरुवार को तिहाड़ जेल से कड़ी सुरक्षा में आरोपित ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा की पेशी के लिए विशेष एससी-एसटी कोर्ट में लाया गया। जहां पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में जमानत दे दी। मामले में चार आरोपी बनाए गए थे, जिसमें एक रामानुज की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट से सभी को बेल मिलने के बाद परिजनों में खुशी देखने को मिली।

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आपको बता दें कि चर्चित स्वाधार गृहकांड मामले में गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे तिहाड़ जेल से दिल्ली पुलिस ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा की पेशी के लिए विशेष एससी-एसटी कोर्ट में पहुंची। जहां पर भारी पुलिस सुरक्षा के बीच में कोर्ट में लाया गया और पेशी कराई गई। पहले से इस कांड में फैसले के लिए एक गुरुवार की तिथि निर्धारित थी, जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान साक्ष्य के अभाव में प्रभारी न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने निर्णय पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को बाइज्जती बरी कर दिया है। SC-ST कोर्ट में फैसले के बाद ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को वापस कड़ी सुरक्षा में दिल्ली के तिहाड़ जेल ले जाया गया।

बच्ची और महिलाओं के गायब होने से जुड़ा है मामला

दरअसल, मुजफ्फरपुर की चर्चित स्वाधार गृह से 11 महिलाएं और उनके चार बच्चों को गायब करने में आरोपित बालिका गृहकांड मामले में दिल्ली तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा सहित अन्य के विरुद्ध चल रहे मामले में विशेष अनुसूचित जाति-जनजाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने इस कांड में फैसले में रामानुज ठाकुर जिनकी पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। वहीं, उनके साथ ही बृजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जती बरी कर दिया।

साक्ष्य के अभाव में किए गए बरी

मामले में शाइस्ता परवीन के अधिवक्ता अन्नू बाबू ने बताया कि आज मामले में सुनवाई करते हुए विशेष अनुसूचित जाति-जनजाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सभी को बरी कर दिया है। पुलिस ने जो इस मामले में आरोप गठन किया था। वहीं, विशेष अनुसूचित जाति और जनजाति कोर्ट के लोक अभियोजक मंगलप्रसाद का कहना है कि पुलिस के द्वारा सही से जांच नहीं किए जाने के कारण आज सभी आरोपितों को न्यायालय ने बरी कर दिया है।

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