Published On: Wed, Dec 18th, 2024

Mumbai Boat Accident: ‘मुझे अंदेशा था कि नौसेना का जहाज हमसे टकरा जाएगा’, हादसे में बचे यात्री ने बताई दास्तां


Mumbai Boat Accident: 'I was sure that the naval ship would hit us', a passenger who survived the accident

मुंबई में भीषण नाव हादसा
– फोटो : ANI

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मुंबई नौका हादसे में जीवित बचे 45 साल के गणेश का कहना है कि जब उन्होंने स्पीड बोट जैसी नाव को उस नौका की ओर तेजी से आते देखा, तो उनके मन में यह विचार आया कि कुछ अप्रिय घटना घट सकती है। बता दें कि, बुधवार की दोपहर मुंबई तट के पास नौसेना की एक स्पीड बोट के एक नौका से टकराने के बाद कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 99 अन्य को बचा लिया गया।

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‘अरब सागर में चक्कर लगा रही थी नौसेना की नाव’

गणेश ने कहा, ‘नौसेना की नाव अरब सागर में चक्कर लगा रही थी, जबकि हमारी नौका मुंबई के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी। मैं दोपहर 3.30 बजे नौका पर चढ़ा था। उन्होंने कहा, मेरे दिमाग में एक पल के लिए यह विचार आया कि नौसेना की नाव हमारी नाव से टकरा सकती है, और अगले कुछ सेकंड में ऐसा ही हो गया।

‘नौका पर बच्चों समेत 100 से अधिक यात्री सवार थे’

गणेश ने कहा कि हादसे के वक्त वह दुर्भाग्यपूर्ण नील कमल नौका के डेक पर खड़े थे। हैदराबाद के रहने वाले गणेश इस हादसे के बाद बचाए गए 99 लोगों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नौका पर बच्चों समेत 100 से अधिक यात्री सवार थे। गणेश ने कहा, ‘जब मैं अरब सागर और मुंबई के आसमान को निहार रहा था, तब नौका तट से लगभग आठ से 10 किमी दूर थी, मैंने देखा कि स्पीड बोट जैसा जहाज हमारी नौका के पास पूरी गति से चक्कर लगा रहा था।’

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में नाव में सवार एक नौसेना कर्मी की पैर कटने से मौत हो गई। उन्होंने बताया, जैसे ही नाव हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारे जहाज में आने लगा, जिसके बाद नाव के कप्तान ने यात्रियों से कहा कि वे लाइफ जैकेट पहनें, क्योंकि नाव पलटने वाली थी। गणेश ने बताया, मैंने लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया।

‘आधे घंटे में ही शुरू हो गया था रेस्क्यू’

उन्होंने बताया कि वह 15 मिनट तक तैरते रहे, तभी उन्हें पास में ही मौजूद एक अन्य नाव ने बचा लिया और अन्य लोगों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया ले आई। उन्होंने बताया कि नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस की बचाव टीम टक्कर के आधे घंटे के भीतर नौका के पास पहुंच गई थीं। बेंगलुरू निवासी विनायक मथम भी इस हादसे में बचने वाले सौभाग्यशाली लोगों में शामिल रहे। उन्होंने को बताया कि वह अपने दो सहकर्मियों के साथ इस दुर्भाग्यपूर्ण नौका पर सवार थे। उन्होंने कहा, पहले तो मुझे लगा कि नौसेना के क्राफ्ट कर्मी मौज-मस्ती के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी नाव हमारी नौका के चारों ओर चक्कर लगा रही थी। उन्होंने कहा, ‘नौका में पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थे।’





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