नागौर सांसद और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर भाजपा नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पर तीखा हमला बोला है। अमर उजाला से खास बातचीत में बेनीवाल ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘डॉ. साहब का नाम लिया नहीं कि समझो काम हो गया’। बेनीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की कार्रवाइयों का कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं दिखता। वे अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो जाते हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या वे सरकार की सहमति से ऐसा कर रहे हैं या खुद से।
धरने में चुपचाप आए, रैली से रहे गायब
बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने डॉ. मीणा को अपने आंदोलन में आमंत्रित किया था, लेकिन वह पहले तो नहीं आए और बाद में चुपचाप आकर चले गए। रैली में भाग नहीं लिया। उन्होंने कहा कि डॉ. साहब का नजरिया ही अलग है। अब उन्हें मुख्यमंत्री बनना था, नहीं बन पाए, तो अब कोई बड़ा मंत्रालय मिल जाए इसकी चाह है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि डॉ. मीणा खुद कहते हैं कि अगर स्वस्थ और तरोताजा रहना है तो रोज एक फोटो और शाम की एक न्यूज़ छपनी चाहिए। डॉ. साहब की यह बीमारी मैंने पकड़ ली है, मैं भी डॉक्टर हूं।
ये भी पढ़ें: कुर्बानी के लिए दुबई भेजे बकरे, मंत्री कुमावत बोले-नियमों के खिलाफ एक्सपोर्ट हुए तो करेंगे कार्रवाई
मैं आंदोलन न करता तो वे छापा भी नहीं मारते
बेनीवाल ने कहा कि अगर उन्होंने जयपुर में धरना नहीं दिया होता तो डॉ. साहब फैक्ट्री में छापा मारने भी नहीं जाते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि हनुमान धरने पर बैठा है तो चलो मैं भी कुछ कर लेता हूं। बेनीवाल ने डॉ. मीणा की छापेमारी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे पिछले डेढ़ साल से क्या कर रहे थे? छह महीने पहले तो इस्तीफा देकर सरकारी गाड़ी से ही घूम रहे थे।
एसआई परीक्षा रद्द की मांग उठाई, तब से चुप हैं मीणा
बेनीवाल ने दावा किया कि जब से उन्होंने एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की है, तब से डॉ. साहब ने उस विषय पर बोलना ही बंद कर दिया। RAS अभ्यर्थियों के आंदोलन को लेकर बेनीवाल ने कहा कि डॉ. साहब युवाओं को बीच में छोड़ गए। अगर, मैंने इन बच्चों को नहीं संभाला होता, तो वे अपने घर क्या जवाब देते? आखिर में बेनीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो डॉ. साहब के पास पहुंच गया या जिसने उनका नाम भी लिया, समझो उसका काम हो गया।