More Than 40 Devotees Died In Shrikhand Mahadev Yatra In 11 Years – Amar Ujala Hindi News Live


श्रीखंड महादेव यात्रा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा जहां यात्रियों को रोमांच से भर देती हैं वहीं महादेव तक पहुंचने के लिए यात्रियों को बेहद जोखिम भरा सफर कर पहुंचना पड़ता है। करीब 18,570 फुट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 32 किमी का पैदल सफर करना पड़ता है। ऐसे में श्रद्धालुओं को संकरे रास्ते में कई ग्लेशियरों को पार करना पड़ता है। वहीं ऊंचाई वाले कई ऐसे स्थल हैं जहां ऑक्सीजन की कमी का लोगों को सामना करना पड़ता है।
इस वजह से होती है श्रद्धालुओं की मौत
यात्रा के दौरान हो रही मौतें ऑक्सीजन की कमी और ग्लेशियर पर पैर फिसलने के कारण होती हैं। अनफिट श्रद्धालुओं को इस यात्रा में न जाने की हिदायतें भी दी जाती है लेकिन कई लोग चोरी छिपे महादेव के दीदार को निकलते हैं। श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट, जिला प्रशासन और सरकार की ओर से सुविधाएं महैया करवाई जाती हैं। यात्रा को लेकर प्रतिवर्ष पांच बेस कैंप स्थापित किए जाते हैं, जहां मेडिकल चेकअप के अलावा ऑक्सीजन की सुविधा भी मुहैया रहती है। इसके अलावा रेस्क्यू टीम को भी यात्रियों की मदद के लिए तैनात किया जाता है।
इन सब सुविधाओं के बावजूद भी प्रशासन प्रतिवर्ष हो रही श्रद्धालुओं की मौतों पर पूरी तरह अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है। पिछले 11 सालों में प्रशासन की देखरेख में करीब 40 से अधिक श्रद्धालुओं की मौतें हो चुकी हैं। बहरहाल, इस वर्ष यात्रा 14 जुलाई से यात्रा शुरू होगी, जो 27 जुलाई तक चलेगी। बता दें कि अधिकारिक यात्रा से पूर्व ही यात्रा पर निकले तीन श्रद्धालुओं की इस वर्ष मौत हो चुकी है। उधर, डीएसपी आनी चंद्रशेखर कायथ का कहना है कि चोरी छिपे यात्रा पर जा रहे यात्रियों को रोकने के लिए सिंहगाड में पुलिस टीम तैनात कर दी गई है।