Published On: Thu, Jul 4th, 2024

Monsoon: पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम में जबरदस्त बारिश, जून में वर्षा में आई कमी की भरपाई जुलाई के शुरू में ही तय


Heavy rainfall in northwest, northeast India brings overall deficit down to just 3 pc

असम में भारी बारिश और बाढ़
– फोटो : PTI

विस्तार


बीते दिनों में भारत में मानसून की बारिश कमी देखने को मिल रही थी लेकिन अब भारी बारिश की वजह से इस कमी की तेजी से भरपाई हो रही है। दरअसल, बीते कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश हुई है। इस भारी बारिश ने भारत में बारिश की कमी की भरपाई कर दी है। जहां 30 जून को भारत में 11 प्रतिशत बारिश की कमी देखने को मिली थी, वहीं गुरुवार को को यह आंकड़ा घटकर तीन प्रतिशत पर आ गया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस बात की जानकारी दी है। 

वर्षा में आई कमी की भरपाई हुई- आईएमडी 

आईएमडी का कहना है उत्तर-पश्चिम भारत में  30 जून को 33 प्रतिशत बारिश की कमी देखने को मिली थी, जो गुरुवार को घटकर 14 प्रतिशत पर आ गई है। इसी तरह मध्य भारत में यह कमी 14 फीसदी से घटकर चार फीसदी पर आ गई है। इसके अलावा पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी 13 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत पर आ गई है। इस मानसून के मौसम में अब तक दक्षिण भारत में 13 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि भारत के 24 प्रतिशत उपमंडलीय क्षेत्रों में भारी से भारी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा 45 प्रतिशत उप मंडलीय क्षेत्रों में सामान्य और 31 प्रतिशत क्षेत्रों में कम बारिश दर्ज की गई। 

जून में भीषण गर्मी और लू ने परेशान किया

आईएमडी के अनुसार, भारत में एक जून को मानसून की शुरुआत से पहले चार महीनों में 190.6 मिलिमीटर बारिश हुई थी। यह सामान्य (196.9 मिलिमीटर) पैमाने से कम था। जून के अंत तक बारिश में 11 फीसदी की कमी देखने को मिली थी। इस दौरान भारत में मात्र 147.2 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य पैमाने (165.3 मिलिमीटर) से कम थी। 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर में दाखिल होने के और महाराष्ट्र में सामान्य असर दिखाने के बाद मानसून का असर लगातार कम होता गया। इस दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भीषण गर्मी और लू का असर देखने को मिला। 

इन जगहों में भारी बारिश की संभावना

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इसके बाद मानसूनी हवाओं ने 10 जून से 18 जून के बीच हल्का असर दिखाना शुरू किया। ये सिलसिला 26 और 27 जून तक चलता रहा। इसके बाद भारी बारिश का दौर शुरू हो गया। मौसम विभाग ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है कि उत्तर-पूर्व और पूर्वी भारत में अगले चार से पांच दिन तक भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान पूर्वोत्तर भारत में अत्यधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। पूर्वोत्तर राज्य पहले ही भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे हैं। खासतौर पर असम के 29 जिलों में 16.5 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान को छू रहीं हैं।





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