Published On: Sun, Jun 1st, 2025

Mock Drill Of War Like Situation Under Operation Shield At Jaisalmer Military Station – Jaisalmer News


जैसलमेर के सैन्य स्टेशन पर शनिवार को ऑपरेशन शील्ड के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में दुश्मन देश के हवाई हमले की स्थिति और उसके बाद राहत एवं बचाव कार्यों को सजीव रूप में दिखाया गया। शाम 7 बजे शहर में तेज सायरन की आवाज गूंजी, जिससे नागरिकों में युद्ध के माहौल की अनुभूति हुई।

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मॉक ड्रिल में सेना और स्थानीय प्रशासन का समन्वय

यह मॉक ड्रिल जोधपुर मार्ग पर सैन्य स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर हुई। जैसे ही मॉक हमले का संकेत मिला, जैसलमेर शहर से एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियां सायरन बजाते हुए सैन्य क्षेत्र में पहुंचीं। जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। लगभग 7:55 बजे दो एम्बुलेंस में घायल सैनिकों की भूमिका निभा रहे व्यक्तियों को उपचार के लिए सेना के अस्पताल ले जाया गया।

ड्रिल के दौरान यातायात में बाधा

मॉक ड्रिल के दौरान जोधपुर मार्ग पर यातायात बाधित हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि, यातायात पुलिस ने तुरंत व्यवस्था संभालकर आवागमन को सुचारु किया। जिला कलक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी और कई सैन्य व प्रशासनिक अधिकारी ड्रिल की निगरानी करते हुए मौजूद रहे। शनिवार सुबह से ही जैसलमेर में मॉक ड्रिल को लेकर चर्चा का माहौल बना रहा। सुरक्षा कारणों से ड्रिल के स्थान को गोपनीय रखा गया था, जिससे कुछ नागरिकों में भ्रम और ब्लैकआउट की आशंका भी पनपी।

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पहले भी हो चुकी हैं सुरक्षा मॉक ड्रिल

इस महीने के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार के निर्देश पर सोनार दुर्ग के पास आतंकी हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसमें प्रशासन ने ब्लैकआउट भी करवाया था। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच दिनों तक जैसलमेर में पूर्ण ब्लैकआउट भी रखा गया था। 7 और 8 मई को हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरें भी सामने आई थीं, जिन्हें भारतीय सेना ने प्रभावी ढंग से नष्ट कर दिया था।

सीमा प्रहरी की भूमिका में नागरिकों की जागरूकता

इन मॉक ड्रिल्स और सुरक्षा खतरों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों ने सीमा प्रहरी की भूमिका निभाते हुए बहादुरी और जागरूकता दिखाई है। ऐसे अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों की तैयारियों को परखने में मदद करते हैं, बल्कि नागरिकों को भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं।

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