Published On: Sat, Jun 29th, 2024

Manipur: सीएम बीरेन सिंह ने माना मणिपुर के विधायक दिल्ली में हैं, लेकिन इस्तीफे की बात को खारिज किया


Manipur CM Biren Singh rejected talk of his resignation and admitted that state MLA are in Delhi

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह
– फोटो : ANI

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मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है। भाजपा और उसके सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और जेडीयू के विधायकों का एक वर्ग मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को पद छोड़ने के लिए दबाव बना रहा है। इस संभावित नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने भी यह स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी और सहयोगियों के कुछ विधायक दिल्ली में हैं। हालांकि, सीएम ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि विधायकों के दिल्ली दौरे से उनके इस्तीफे का कोई लेना-देना है।

बीरेन सिंह ने 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। सूत्रों की मानें तो उनके पद संभालने के बाद से सहयोगियों ने भाजपा नेतृत्व को मनाने का कई बार प्रयास किया, जिससे कि वह मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो सकें। वहीं, पिछले तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद इसमें तेजी आई। हालांकि, नतीजा फिर भी सिफर रहा। हालांकि, इस बार भाजपा को मणिपुर में दोनों लोकसभा सीटें कांग्रेस से हारने के बाद चुनावी कीमत चुकानी पड़ी है, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार बात कुछ अलग होने वाली है। 

पिछली रात सहयोगियों के साथ बैठक में पीएम को ज्ञापन सौंपने का लिया निर्णय: सीएम

नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि पिछली रात उनकी एनडीए सहयोगियों के साथ बैठक हुई थी। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि मणिपुर में स्थायी शांति के लिए एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। बता दें कि एनडीए सहयोगियों के पास राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 53 सीटें हैं। वहीं, अकेले भाजपा के पास 37 सीटें हैं। 

मणिपुर की स्थिति को विपक्ष द्वारा एक बार फिर जोरदार तरीके से उठाया गया है, जिसे सभी उम्मीदों को झुठलाने और भाजपा को न केवल 370 लोकसभा सीटों के लक्ष्य से, बल्कि 272 के बहुमत के आंकड़े से भी पीछे रोकने में कामयाब होने के बाद एक नई आवाज मिल गई है। लोकसभा में इंडिया गठबंधन के अब 232 सदस्य हैं और भाजपा के पास 240 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के पास एनडीए के 293 सदस्य हैं।

जून 2023 में लगभग तय हो गया था इस्तीफा

जून 2023 में, जब सरकार पर दबाव चरम पर था, तब मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने लगभग पद छोड़ दिया था। इस दौरान एक मंत्री ने भी दावा किया था कि सीएम अपना इस्तीफा लेकर गवर्नर हाउस के लिए निकल चुके हैं। हालांकि, सीएम इंफाल में उनके आवास के बाहर एकत्र हुईं सैकड़ों महिला समर्थकों के चलते वापस लौट आए थे। इस दौरान यह दावा भी किया गया था कि दो मंत्री जी सिंह को सीएम बने रहना देखना चाहते थे, उन्होंने इस्तीफा छीनकर फाड़ दिया था। 





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