Mango Farming: ड्रिप तकनीक से रेगिस्तान में हो रही आमों की खेती, बदल गई किसानों की जिंदगी

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Mango Farming: राजस्थान के सिरोही जिले में रेतीली जमीन अब आम की मिठास से महक रही है. तपोवन में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा 15 किस्मों के ऑर्गेनिक आम उगाए जा रहे हैं. इसमें केसर, हापुस और दशहरी जैसे प्रसिद्ध कि…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- सिरोही जिले में आम किसान ने अपनाया नई तकनीक
- ड्रिप तकनीक से बदली रेगिस्तान के किसानों की जिंदगी
- तपोवन में 15 किस्मों के ऑर्गेनिक आम उगाए जा रहे हैं
सिरोही. राजस्थान के गर्म और रेतीले इलाकों में भी अब आधुनिक तकनीक से आम की खेती की जा रही है. प्रदेश के सीमावर्ती जिले सिरोही के तलहटी स्थित तपोवन और रायपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में आम की खेती की जा रही है. ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से तलहटी के तपोवन में पिछले करीब 8 साल से आम की खेती की जा रही है. इसमें कुछ किस्म की आम की खेती 2 साल व 3 साल पहले शुरू की गई थी. यहां करीब 15 किस्म के आम की खेती की जा रही है.
इन किस्म के आम की हो रही खेती
तपोवन में हो रहे आम की खेती में केसर, सिंदूरी, हापुस, आम्रपाली, तोतापुरी, लंगड़ा, दशहरी, सफेदा, कृष्णभोग, मिश्रीभोग, दूधिया, बारहमासी आदि किस्में शामिल है. इन पौधों को तैयार करने में किसी तरह की रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है.
जिले के रेवदर तहसील के रायपुर गांव में किसानों की ओर से रेतीले धोरों में किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक अपनाकर आम की खेती की जा रही है. यहां किसानों ने करीब 10 हजार फलदार आम के पौधे लगाए हैं, जो करीब दो साल में बड़े होकर फल देना शुरू करेंगे.
रायपुर के रेतीले इलाके में ड्रिप पद्धति से किसान पौधों तक पानी पहुंचा कर आम की खेती कर रहे हैं. पंचायत क्षेत्र के जालमपुरा के समीप धूलीया गांव में उदयदान चारण ने 6 हेक्टेयर में 5000 केसर आम के पौधे लगाए हैं. इसके अलावा कई किसानों ने अपनी 1 से 2 हेक्टेयर में केसर आम के पौधे लगाकर बागवानी शुरू की हैं.
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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