Published On: Mon, May 13th, 2024

Maldives Minister Musa Zameer S Jaishankar Meeting Update | India Maldives | भारत दौरे पर चीन समर्थक मुइज्जू के विदेश मंत्री: जयशंकर ने मुलाकात कर कहा- भारत ने हमेशा मालदीव का साथ दिया


33 मिनट पहले

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मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार मालदीव के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए। - Dainik Bhaskar

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार मालदीव के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए।

भारत के साथ तनाव के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत दौरे पर हैं। इस दौरान गुरुवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा, “भारत हमेशा नेबर फर्स्ट पॉलिसी पर चलता है। दोनों देशों के रिश्ते आपसी हितों पर टिके हैं। भारत विकास के मामले में मालदीव को सहयोग करने वाले अहम देशों में शामिल है।”

विदेश मंत्री मे कहा, “हमारे कई प्रोजेक्ट्स से मालदीव के लोगों को फायदा पहुंचा है। भारत ने कई मौके पर मालदीव को वित्तीय मदद भी दी है।” चीन समर्थक मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है, जब मालदीव के कोई मंत्री भारत के दौरे पर आए हैं।

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने जनवरी में भी जयशंकर से मुलाकात की थी।

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने जनवरी में भी जयशंकर से मुलाकात की थी।

1 दिन बाद मालदीव से भारतीयों सैनिकों को निकालने की डेडलाइन
मालदीव से रवाना होने से पहले जमीर ने कहा, “हम भारत-मालदीव के बीच सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जिससे दोनों देशों के लोग इसका फायदा ले सकें।” मालदीव से भारतीय सैनिकों को निकालने की भी कल (10 मई) आखिरी तारीख है। ऐसे में मूसा का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

मूसा इससे पहले जनवरी में यूगांडा में जयशंकर से मुलाकात कर चुके हैं। तब दोनों नेताओं ने मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर चर्चा की थी। बैठक के बाद मूसा ने कहा था कि मालदीव भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहता है।

भारत-मालदीव के बीच विवाद कैसे शुरू हुआ
मालदीव में पिछले साल राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपने कैंपेन में मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया। इसे लेकर उन्होंने कई रैलियां भी कीं। मुइज्जू ने वादा किया कि वे राष्ट्रपति बने तो देश से भारतीय सैनिकों को हटा देंगे। उन्होंने इसी के दम पर चुनाव जीता।

17 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई। नतीजा ये हुआ कि मालदीव ने वहां तैनात 88 भारतीय सैनिकों को निकालने का फैसला किया। इनमें से अब तक 51 सैनिक वापस आ चुके हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते रहे थे। इनकी जगह सिविलियन्स लेंगे।

आमतौर पर मालदीव में इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मालदीव से बिगड़ते रिश्तों के बीच प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप दौरे पर गए और उन्होंने लोगों से घूमने के लिए वहां आने की अपील की।

PM मोदी पर विवादित बयान से तनाव बढ़ा
इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। पलटवार करते हुए कई भारतीय टूरिज्म कंपनियों और लोगों ने मालदीव को ​​​​​​बॉयकॉट करना शुरू कर दिया। इससे मालदीव जाने वाले भारतीय टूरिस्टों की संख्या में तेजी से गिरावट आई।

इसी दौरान मालदीव के राष्ट्रपति चीन के दौरे पर गए और वापस लौटकर कहा कि कोई देश उन्हें धमका नहीं सकता। मुइज्जू ने मालदीव का समर्थन करने के लिए चीन के लोगों से उनके देश घूमने आने की अपील की। इसके बाद मालदीव ने भारत के साथ हुए हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट को भी खत्म कर दिया।

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