Kuwait Political Crisis; Emir Sheikh Meshal Dissolved Parliament | कुवैत के अमीर ने भंग की देश की संसद: राजनीतिक उठापटक के बीच सभी विभाग कंट्रोल में लिए, कहा-देश के लिए मुश्किल फैसला लिया

16 मिनट पहले
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कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल- अहमद-अल- सबा ने कहा है कि देश में इस समय भ्रष्टाचार बहुत बड़ी समस्या है।
कुवैत के नए अमीर शेख मिशाल अल- अहमद-अल- सबा ने देश की संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल को दिए अपने संबोधन में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैं देश के लोकतंत्र के गलत इस्तेमाल की अनुमति नहीं दूंगा। इसके साथ ही उन्होंने देश के सरकारी विभागों को अपने कंट्रोल में ले लिया है और कई कानूनों को भंग कर दिया है।
कुवैत के सरकारी टीवी के मुताबिक संसद भंग होने के बाद नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास आ गई है।
शेख मिसाल पिछले दिसंबर में अपने सौतेले भाई और पूर्ववर्ती शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबा की मृत्यु के बाद सत्ता में आए थे। उनकी देखरेख में लंबे समय के बाद अप्रैल में देश में चुनाव हुए थे।

शेख मिशाल अल- अहमद-अल- सबा अपने सौतेले भाई की मृत्यु के बाद कुवैत के नई अमीर बने थे।
राजनीतिक विवाद में फंसा है कुवैत
कुवैत में भी अरब देशों का तरह शेख वाली राजशाही व्यवस्था है। लेकिन यहां पर विधायिका अरब देशों के मुकाबले बहुत प्रभावी है। पिछले कुछ समय से कुवैत में घरेलू राजनीतिक संकट चल रहा है । देश का वेलफेयर सिस्टम इसका बड़ा मुद्दा रहा है। इसके कारण कुवैत की सरकार कर्ज नहीं ले पा रही है। यही वजह है कि तेल से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं ।
‘भ्रष्टाचार कुवैत की सबसे बड़ी समस्या’
कुवैती अमीर ने कहा, “कुवैत इन दिनों कठिन समय से गुजर रहा है। इसके कारण देश को बचाने के लिए और लोगों को सुरक्षित करने के लिए हमे कुछ कड़े फैसले लेने पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ सालों में राज्य के विभागों में भ्रष्टाचार बड़ी समस्या बनकर उभरा है। इससे कुवैत का माहौल खराब हुआ है।”
अमीर ने कहा है कि यह भ्रष्टाचार देश के सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक पहुंच गया है। उन्होंने देश की न्याय प्रणाली में भी भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत की जनरल असेंबली में 50 सदस्य होते हैं।
28 सालों में 12 बार कुवैत की संसद भंग हुई है
कतर की संसद में 50 सदस्य होते हैं। ये सारे निर्दलीय रूप से चुने जाते हैं, क्योंकि कुवैत में राजनीतिक पार्टियां पर प्रतिबंध है। इसके अलावा 16 सदस्यों की एक कैबिनेट होती है। हालांकि संसद पर कुवैत की अमीर की ही पकड़ होती है। वे जब चाहे संसद को भंग कर सकते हैं। हालांकि असेंबली भंग करने के 2 महीनों के अंदर करवाने होते हैं। इससे पहले भी कुवैत की संसद कई बार भंग की जा चुकी है। 2006 से 2024 के बीच लगभग 12 बार कुवैत की जनरल असेंबली को भंग किया जा चुका है।