कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा शुक्रवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर एसआई भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद युवाओं से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। किरोड़ी लाल मीणा के धरना स्थल पर आने से कई सवाल उठ गए हैं। लोग जानना चाहते हैं कि वे धरना स्थल पर क्यों आए? क्या वे हनुमान बेनीवाल का समर्थन करने आए हैं? क्या वे 25 मई को होने वाली हनुमान बेनीवाल की रैली को रोकने के लिए गए हैं? या फिर एक मंत्री के रूप में सरकार का प्रतिनिधित्व करने आए हैं?
जब अमर उजाला ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से ये सवाल पूछे, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि युवा पिछले 22 दिनों से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं और यह भर्ती प्रक्रिया कई सालों से अटकी हुई है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अचानक धरना स्थल पर आए। उन्होंने फोन पर बताया कि वे धरना स्थल पर हैं। बेनीवाल ने कहा कि उन्हें पहले सूचित किया जाना चाहिए था, ताकि वे भी वहां मौजूद हो पाते। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे वापस चले जाएंगे।
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धरना पर मौजूद युवाओं ने बताया कि किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, “मैं युवाओं के बिना नहीं रह सकता। उनका दर्द है, मैं रास्ते से गुजर रहा था तो शहीद स्मारक पर आना पड़ा।” हनुमान बेनीवाल ने अमर उजाला से कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने इस मुहिम की शुरुआत की थी। उन्होंने सड़क पर बैठकर संघर्ष किया था और उनकी वजह से भाजपा सत्ता में आई। बेनीवाल ने कहा कि अगर किरोड़ी लाल मीणा उनके सा हमेशा के लिए आ जाएं, तो राजस्थान में 100 सीटें जीतना संभव है। उनका आना जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि तीसरे मोर्चे की बात भी किरोड़ी लाल मीणा ने ही की थी। अब उन्हें पीछे नहीं हटना चाहिए और मदद करनी चाहिए। यह राजस्थान के बदलाव का सवाल है। हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट का भी नाम लिया और कहा कि पायलट ने भी बड़े वादे किए थे, लेकिन अब वे पीछे हट रहे हैं। जब पायलट को जरूरत थी, तब हम पीछे नहीं हटे। अब पायलट को साथ आना चाहिए। अगर किरोड़ी लाल मीणा, सचिन पायलट और हनुमान बेनीवाल एक साथ आएं, तो राजस्थान में सिर्फ 15 मिनट में आरएलपी की सरकार बन सकती है।
बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि गहलोत ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा मानेसर धरने के कारण हैं, जो सही है। लेकिन गहलोत राजस्थान को अपनी जागीर समझते हैं। वे कहते हैं कि अगर वे मुख्यमंत्री नहीं बने तो कांग्रेस को खत्म कर देंगे।