kirori lal meena resignation full detailed story why kirori lal meena resign from rajasthan cabinet
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Kirodi Lal Meena: भाजपा के दिग्गज नेता और राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ठीक एक महीने पहले, 4 जून को मीणा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई पोस्ट की थी। उस पोस्ट ने राजस्थान की राजनीति और सोशल मीडिया पर खलबली मच दी। अब इस्तीफे का ऐलान करते हुए किरोड़ी लाल ने फिर से चौपाई पोस्ट की है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों बार एक ही चौपाई पोस्ट की गई… ‘रघुकुल रीति सदा चलि आई। प्राण जाई पर बचन न जाई।।’ दरअसल, मीणा ने वही किया जो उन्होंने पहले ही कह दिया था। इस्तीफे की यह पूरी कहानी दबदबा, वादा, हार और नाराजगी के अगल-बगल से होकर गुजरती है।
जो वादा किया वो निभाया
लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के दौसा पहुंचे थे। उन्होंने तब किरोड़ी लाल मीणा को सात सीटों की जिम्मेदारी दी। यह सभी सीटें पूर्वी राजस्थान की थीं। दरअसल, पूर्वी राजस्थान में मीणा का दबदबा माना जाता है। इन्हीं में से एक दौसा सीट के लिए प्रचार करते हुए किरोड़ी लाल ने कहा था कि अगर यहां से भाजपा उम्मीदवार कन्हैया लाल मीणा नहीं जीतते हैं तब मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले थे। कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने करीब दो लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। चुनाव नतीजे के दिन तब मीणा ने श्रीरामचरितमानस की चौपाई पोस्ट की।
इस्तीफे को लेकर खूब अटकलें
किरोड़ी लाल मीणा की पोस्ट के बाद यह अटकलें लगने लगीं कि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। कांग्रेस के नेता भी उनसे इस्तीफे की मांग करने लगे। बताया जा रहा है कि करीब दस दिन पहले उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा को इस्तीफा सौंप दिया था। यह भी बताया जा रहा है कि वह पोर्टफोलियो में कटौती से नाराज थे। दौसा सीट से वह अपने भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन भाजपा नेतृत्व ने कन्हैया लाल मीणा पर भरोसा जताया। इन सभी वजहों को लेकर इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रहीं थीं।
कैबिनेट की बैठक में नहीं हुए शामिल
न्यूज18 से बातचीत में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैंने इस्तीफा दिया है। बता दें कि मीणा पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। वह तीन बार सांसद रह चुके हैं। मीणा हाल ही में कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इस पर उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इस्तीफा दे दिया तो नैतिक रूप से मैं वहां जा नहीं सकता। मुख्यमंत्री जी से मैं मिला था। उन्होंने आदरपूर्वक कहा था कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे। मैंने मुख्यमंत्री जी से कहा- चूंकि मैं जनता के बीच घोषणा कर चुका हूं कि अगर हम यह सीट (दौसा) नहीं जीते तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, इसलिए मैंने ऐसा किया।’
प्राण जाई पर…
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि ‘अगर पार्टी सात में से एक भी सीट हारती है तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा और यहां पानी पिलाऊंगा।’ मीणा ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर और कोटा-बूंदी समेत पूर्वी राजस्थान की सीट पर प्रचार किया था। भाजपा इनमें से भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर और धौलपुर-करौली सीट कांग्रेस से हार गई। चुनाव नतीजों के बाद मीणा ने श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई पोस्ट की। वही चौपाई अब एक महीने बाद उन्होंने इस्तीफे का ऐलान करते हुए शेयर किया है।
(पीटीआई इनपुट के साथ)