Khabaron ke Khiladi: अमेरिका में सत्ता परिवर्तन का भारत पर क्या होगा असर? बता रहे हैं खबरों के खिलाड़ी


खबरों के खिलाड़ी
– फोटो : अमर उजाला
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अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा यह तय हो गया है। रिपब्लिकन पार्टी ने चार साल बाद सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप का चार साल बाद फिर से राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। अमेरिका में हुए इस सत्ता परिवर्तन का भारत में क्या असर होगा? दुनिया में चल रहे युद्धों पर इसका क्या असर होगा? भारत से अमेरिका के रिश्ते कितने बदलेंगे? इन सभी सवालों पर इस हफ्ते ‘खबरों के खिलाड़ी’ में चर्चा हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह, विनोद अग्निहोत्री, समीर चौगांवकर, अवधेश कुमार और अनुराग वर्मा मौजूद रहे।
समीर चौगांवकर: ट्रंप का कार्यकाल हमारा देश देख चुका है। कहा गया कि ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे दोस्त रहे हैं और उनका जीतना भारत के लिए बेहतर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी के संबंध अमेरिका के दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के साथ अच्छे रहे हैं। अगर कमला हैरिस जीतती तों उनके साथ भी उनके संबंध बेहतर हो जाते। मुझे लगता है कि जिस तरह से ट्रंप ने उद्योगपति के रूप में काम किया है, उसका असर उनके कार्यकाल में दिखाई देगा। पहले कार्यकाल की तुलना में उनका दूसरा कार्यकाल काफी बेहतर और परिपक्व होगा। भारत के कनाडा से बिगड़े रिश्तों से लेकर दुनिया में चल रहे युद्धों पर उनकी भूमिका देखने वाली होगी।
अवधेश कुमार: अमेरिका में ट्रंप की जीत इस समय भारत के हिसाब से सबसे बेहतर है। कमला हैरिस भले ही भारतीय मूल की हैं, लेकिन उनके विचार जिस तरह के हैं, वो भारत के लिहाज से सही नहीं हैं। जहां तक कारोबार की बात है, वहां हम लाभ में हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि नरेंद्र मोदी एक महान नेता हैं। दोनों के बीच इस तरह के संबंध हैं।
रामकृपाल सिंह: पूरी दुनिया ने यह मान लिया कि अब वो दिन चले गए, जब क्रांतियों से चीजें होती थीं। अब इवोल्यूशन से विकास होगा। यह एक तरह से पूंजीवाद के प्रवाह की शुरुआत थी। कमला हैरिस डेमोक्रेट्स की नेचुरल कैंडिडेट नहीं थीं। यह बराक ओबामा की रणनीति थी। दूसरी तरह ट्रंप बहुत प्रैक्टिल हैं। आज की तारीख में भारत को पुतिन भी महान कह रहे हैं और ट्रंप भी भारत को महान कह रहे हैं।
विनोद अग्निहोत्री: भारत की बढ़त की जहां तक बात है तो चाहे ट्रंप हों, हैरिस हों या बाइडन हों, किसी के भी होने पर भारत को कोई अनदेखा नहीं कर सकता। यह जरूर है कि जब कोई मुफीद व्यक्ति आ जाता है तो स्थितियां बेहतर होती हैं। यह जरूर है कि ट्रंप के सामने पिछली बार की तुलना में चुनौतियां ज्यादा हैं। अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने कई ऐतिहासिक काम किए थे। इस बार उनके सामने सबसे पहली चुनौती तो दो युद्ध रोकने की होगी।
अनुराग वर्मा: ट्रंप के जीतने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अगर हम भारत के दृष्टिकोण की बात करें तो ट्रंप का आना भारत के हित में है। दूसरा कमला हैरिस का न आना भी भारत के हित में रहा है। कमला हैरिस का कश्मीर को लेकर जो मत है, वो किसी भी तरह से भारत के हित में नहीं है। कमला हैरिस का जो रुख पाकिस्तान को लेकर है, वह भी भारत के हित में नहीं है।