Kekri News: Meena Samaj And Sarva Samaj Demanded The Release Of Naresh Meena And The Villagers – Amar Ujala Hindi News Live


प्रदर्शन करते समाज के लोग।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रगतिशील मीणा समाज संस्थान केकड़ी की अगुवाई में सर्व समाज ने देवली-उणियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान ग्राम समरावता में हुई घटना के विरोध में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करने तथा निर्दोष ग्रामीणों के घरों में घुसकर महिलाओं से मारपीट करने की निंदा करते हुए नरेश मीणा और अन्य ग्रामीणों की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
उपचुनाव में मतदान के दिन समरावता गांव में हुए बवाल के बाद चले घटनाक्रम में पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में जगह जगह असंतोष और प्रदर्शन का सिलसिला बना हुआ है। इसी क्रम में सोमवार को केकड़ी में भी प्रगतिशील मीणा समाज के नेतृत्व में सर्व समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में कहा गया कि 13 नवंबर को देवली-उणियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान ग्राम समरावता के निवासियों ने शांतिपूर्ण तरीके से मतदान का बहिष्कार कर रखा था। ग्रामीणों की मांग थी कि उनके गांव और आसपास के क्षेत्रों को देवली के स्थान पर नजदीकी उपखंड मुख्यालय उणियारा से जोड़ा जाए। इसी दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और उपखंड अधिकारी अमित चौधरी के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। ज्ञापन के अनुसार आरोप है कि उपखण्ड अधिकारी ने सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की धमकी देकर जबरन मतदान कराया और एक विशेष प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का दबाव बनाया।
ज्ञापन में कहा गया कि घटना के बाद नरेश मीणा ने शांति बनाए रखने का प्रयास किया और ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित किया। लेकिन रात को पुलिस प्रशासन ने कथित रूप से लाठीचार्ज व आंसू गैस का प्रयोग कर ग्रामवासियों पर जानलेवा हमला किया। आरोप है कि पुलिस ने गांव में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और महिलाओं के साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार किया, जबकि नरेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया जरिए बता दिया था कि मैं गिरफ्तारी दूंगा। उसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने गांव वालों पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए गांव वाले घरों की छतों से नीचे कूद पड़े, जिससे कई के हाथ पैर टूट गए।
ज्ञापन के जरिए लोगों ने नरेश मीणा और गिरफ्तार ग्रामवासियों को रिहा करने, झूठे मुकदमे वापस लेने, समरावता गांव में हुए नुकसान का ग्रामीणों को मुआवजा देने, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने, समरावता गांव को उणियारा उपखंड में जोड़ने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया कि यदि इन मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन को तेज करेंगे। उन्होंने सरकार से समरावता गांव के ग्रामीणों को न्याय दिलाने की अपील की।
ज्ञापन देने के दौरान प्रगतिशील मीणा समाज संस्थान केकड़ी के रामावतार मीणा, छीतरमल मीणा, पर्वतराज मीणा, नाथूलाल मीणा, सोहनलाल मीणा, सीताराम मीणा, भानु प्रताप मीणा, मीणों का नयागांव सरपंच रामप्रसाद मीणा, आशीष मीणा, देवराज बैरवा, पूर्व सरपंच तूफान मीणा, कालू राम मीणा, भोपाल गुर्जर, दिनेश जांगिड़, सुरेश माली, रामराज गुर्जर, मुकेश धवलपुरिया, रोडूमल सोलंकी, रामसिंह, शशिकुमार, सुरेंद्र, सतीश, रवि, महेंद्र, धर्मराज सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।