Published On: Tue, Nov 19th, 2024

Kekri News: Chahal Dadhich Sang Venu Songs In Dwarkadhish Temple, Devotees Were Drenched In Devotion – Amar Ujala Hindi News Live


Kekri News: Chahal Dadhich sang Venu songs in Dwarkadhish temple, devotees were drenched in devotion

राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


केकड़ी जिले के सांपला कस्बे में सुविख्यात गोपाल महाराज के मंदिर में मंगलवार को वेणु गीत कथा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृष्ण कन्हैया की भक्ति के परंपरागत तरीकों से अलग वेणु गीतों के इस कार्यक्रम ने मंदिर के मंडप में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

वेणु गीतों की यह अनूठी प्रस्तुति केकड़ी शहर की एक नन्ही बालिका चहल दाधीच ने दी। मंगलवार को सुबह चहल द्वारा लयबद्ध श्लोकों का गायन शुरू करते ही वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो गया। फिर एक के बाद एक कृष्ण भजनों ने ऐसे तार छेड़े कि उपस्थित जनसमूह झूम-झूमकर नाचने लगा।

वेणु गीतों की मधुर स्वर लहरियों के बीच कथा व्यास की भूमिका में चहल ने कृष्ण व गोपियों के कई प्रसंगों का उल्लेख करते हुए वेणु गीतों के मर्म पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत के अंतर्गत आने वाले गोपियों के पंच प्रेम गीत में वेणु गीत, युगल गीत, प्रणय गीत, गोपी गीत और भ्रमर गीत शामिल हैं। इनमें से वेणु गीत का वर्णन अदभुत, अस्विमणीय, अकल्पनीय व दिव्य है, जिन्हें सुनकर मन आनंद से भर जाता है। वेणु गीत श्रीमद भागवत के दशम स्कन्ध पूर्वार्द्ध के अध्याय 22 में वर्णित है।

शास्त्रों के जानकारों के अनुसार वेणु गीतों की चर्चा नाट्य शास्त्र में एक महत्वपूर्ण संगीत वाद्य यंत्र के रूप में की गई है। भारत के प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में मुरली और वामसिका जैसी दूसरी तरफ से बजाई जाने वाली बांसुरी का वर्णन किया गया है, लेकिन कभी-कभी इन शब्दों का इस्तेमाल एक:दूसरे के स्थान पर किया जाता है। एक वेणु में छह छेद होते हैं, यह अंगूठे की मोटाई के बराबर होता है और बारह अंगुल लंबा होता है। एक लंबी मुरली में चार छेद होते हैं और यह दो हाथ लंबी होती है। वामसिका में आठ छेद होते हैं, जो बारह से सत्रह अंगुल लंबी होती है। वेणु श्रीकृष्ण की प्रतिमा का एक हिस्सा है। कृष्ण की बांसुरी के स्वर माधुर्य वेणु गीत का यह वर्णन मुख्यत श्लोक 7 से 19 तक के बारह श्लोकों में निबद्ध है।

कार्यक्रम की शुरुआत में कथा वाचक के रूप में बालिका चहल को व्यास पीठ पर विराजित कर माला व टीका लगाकर अभिनंदन किया गया। 

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