Published On: Wed, Nov 20th, 2024

Karauli Kabir Shah Dargah This Dargah Of Kabir Shah Is Unique Its History Is Also Very Interesting – Amar Ujala Hindi News Live


करौली के वजीरपुर गेट के पास स्थित कबीर शाह की दरगाह न केवल सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। बल्कि इसकी शिल्पकला भी अद्वितीय है। 17वीं शताब्दी में बनाई गई इस दरगाह का आकर्षण इसके पत्थर के दरवाजे और नक्काशीदार झरोखे हैं, जिनकी खूबसूरती विदेशी पर्यटकों को भी खींच लाती है। यहां हिंदू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग श्रद्धा से आते हैं। मुस्लिम यहां सजदा करते हैं, तो हिंदू समुदाय रेवड़ी और बतासे का प्रसाद चढ़ाते हैं।




स्थानीय निवासियों के अनुसार, दरगाह का निर्माण लगभग 500 वर्ष पहले कबीर शाह ने स्वयं करवाया था और इसके पत्थरों को उनके निर्देशन में तराशा गया। मुन्ने शाह, जो कई पीढ़ियों से इस दरगाह की देखरेख कर रहे हैं, बताते हैं कि यह दरगाह राजाशाही काल में कौड़ियों के दौर में बनी थी, जब मजदूरी के रूप में कौड़ियां दी जाती थीं।


दरगाह के चारों ओर पत्थर के दरवाजे हैं, जिनमें से तीन दरवाजे बंद हैं, जबकि मुख्य दरवाजा आज भी उपयोग में है। इसकी बनावट और मजबूती इतने वर्षों बाद भी वैसी ही बरकरार है, जो इसकी निर्माणकला की उत्कृष्टता को दर्शाता है।


90 वर्षीय ओलते कुरैशी का कहना है कि उन्होंने अपनी उम्र भर यहां हिंदू-मुस्लिम एकता को पनपते देखा है, जो एक मिसाल है।


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