Published On: Fri, Jun 7th, 2024

Kami Rita Sherpa | Nepal Mountaineer Kami Rita Mount Everest Record Update | नेपाली शेरपा ने रिकॉर्ड 30वीं बार किया एवरेस्ट फतह: कामी रीता ऐसा करने वाले पहले पर्वतारोही, 10 दिन में दो बार चोटी पर पहुंचे


काठमांडू7 मिनट पहले

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नेपाल के एक पर्वतारोही कामी रीता ने 30 साल में 30वीं बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। वे ऐसा करने वाले दुनिया के इकलौते पर्वतारोही बन गए हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, कामी ने 10 दिनों में 2 बार एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे। इससे 12 मई को यहां पहुंचे थे। 54 साल के कामी रीता को एवरेस्ट मैन के नाम से भी जाना जाता है।

कामी हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते रहे
कामी 1994 से माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे हैं। हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हैं। यह खास इसलिए है कि एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने में पर्वतारोहियों को कई दिन लग जाते हैं, ऐसे में इतने कम समय में ये कारनामा दोहराना बड़ी उपलब्धि है।

1994 से हर साल चढ़ाई कर रहे हैं रीता।

1994 से हर साल चढ़ाई कर रहे हैं रीता।

नेपाली पर्यटन अधिकारी खीम लाल गौतम ने कहा कि 54 वर्षीय कामी रीता शेरपा ने दक्षिणपूर्व रिज रूट से चढ़ाई की और 8,849 मीटर (29,032 फुट) की चोटी पर पहुंचे। वे स्थानीय समयानुसार बुधवार की सुबह 7:49 बजे पहुंचे।

कामी रीता एक शेरपा हैं जो कि माउंट एवरेस्ट की खतरनाक चढ़ाई के लिए यहां आने वाले ट्रैकर्स को लोकल गाइड्स प्रदान करते हैं। शेरपाओं को उनकी पर्वतों पर चढ़ने की स्किल्स के लिए जाना जाता है। वे विदेशी पर्वतारोहियों की एवरेस्ट पर चढ़ने में मदद करते हैं और इसी से उनकी कमाई होती है। लगभग हर पर्वतारोही के साथ एक शेरपा जरूर जाता है।

पहली बार 1994 में एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे कामी रीता
कामी रीता पहली बार 25 साल की उम्र में 1994 में एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे। इसके बाद से वे लगभग हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, बीच में नेपाल सरकार द्वारा कुछ अवसरों पर चढ़ाई पर प्रतिबंध लगा देने की वजह से वे हर साल एवरेस्ट पर नहीं चढ़ सके।

कामी शेरपा सोलुखुंबू जिले के थामे गांव के रहने वाले हैं। वे जब 12 साल के थे, तब से उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप तक पर्वतारोहियों के लिए जरूरी सामान पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था। इसके बाद से उन्होंने लगातार 11 साल तक यह काम किया।

कई मुश्किल चोटियों पर कर चके हैं फतह
पहली बार मई 1994 में रीता कामी हाई एल्टीट्यूड वर्कर के तौर पर एवरेस्ट के कैंप-4 (25,938 फुट) तक पहुंचे थे। वे माउंट एवरेस्ट के साथ-साथ के-2, चो-ओयू, लोस्ते और अन्नापूर्णा की भी चढ़ाई कर चुके हैं। उनके नाम शेरपा के तौर पर सेवन समिट्स (दुनिया के सात महाद्वीप स्थित सात सबसे ऊंची चोटियां) तक पहुंचने वाले पहले नेपाली व्यक्ति का रिकॉर्ड है।

कामी रीता के अलावा एवरेस्ट पर सबसे अधिक बार चढ़ने का रिकॉर्ड एक और नेपाली शेरपा पासंग दावा के नाम है। उन्होंने अब तक कुल 27 बार एवरेस्ट पर चढ़ाई की है। पासंग 1998 से एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे हैं।

एवरेस्ट पर चढ़ाई करता पर्वतारोहियों का एक समूह।(फाइल)

एवरेस्ट पर चढ़ाई करता पर्वतारोहियों का एक समूह।(फाइल)

पहाड़ों पर चढ़ने के लिए जाने जाते हैं शेरपा
शेरपा, हिमालय के बर्फीले इलाकों में निवास करने वाली एक जाति है। इनका मुख्य निवास नेपाल के हिस्से में पड़ने वाला हिमालय का क्षेत्र है। हालांकि ये भारत और तिब्बत के क्षेत्र में भी पाए जाते हैं। शेरपा तिब्बती भाषा के शब्द शर और पा प्रत्यय से मिलकर बना है। इसका मतलब होता है ‘पूरब के लोग’।

माना जाता है कि इन लोगों का मूल निवास तिब्बत था, जो कुछ सौ साल पहले नेपाल और दूसरे इलाकों में आकर बस गए। शेरपा को ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने में महारत हासिल है, इसीलिए ये मुख्यत: माउंट ट्रैकर्स को गाइड करने और उनके सामान को ढोने का कार्य करते हैं।

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