Published On: Mon, Jun 24th, 2024

Kalka-shimla Railway Track Restored All Trains Will Reach Shimla From Tuesday – Amar Ujala Hindi News Live


Kalka-Shimla railway track restored all trains will reach Shimla from Tuesday

सोमवार को तारादेवी में ट्रेन से सफर के लिए जाते सैलानी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


शिमला-कालका रेलवे ट्रैक तीसरे दिन ट्रेनों की आवाजाही के लिए बहाल हो गया है। मंगलवार से ट्रैक सभी ट्रेनें पहले की तरह अपने तय समय पर कालका से शिमला रेलवे स्टेशन तक संचालित होंगी। इससे विश्व धरोहर ट्रैक के खूबसूरत नजारों का देश-विदेश के हजारों सैलानी लुत्फ उठा सकेंगे।

समरहिल के समीप पुल नंबर 800 की मरम्मत के चलते पिछले तीन दिनों से कालका से शिमला रेलवे ट्रैक पर सभी ट्रेनें तारादेवी, सोलन और बड़ोग तक ही चलाई जा रही थी। रेलवे विभाग के मुताबिक बरसात के मौसम को देखते हुए यहां पुल के नीचे पक्के आरसीसी के पिलर बनाए गए हैं। सोमवार दोपहर के बाद तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा ट्रेनों को चलाने की अनुमति के बाद सबसे पहले ट्रॉली इसके बाद इंजन को इस पुल से गुजारा गया। इनका सफल ट्रायल होने के बाद हिमालयन क्वीन ट्रेन इस पुल से गुजरकर शिमला रेलवे स्टेशन तक पहुंची।

हेरिटेज ट्रैक पर चलती हैं सात ट्रेनें

शिमला-कालका हेरिटेज ट्रैक पर सात ट्रेनें चलती हैं। वर्तमान में गर्मियों का सीजन होने के कारण ये सभी ट्रेनें बुक चल रही हैं। वहीं कई ट्रेनों में कई दिनों की वेटिंग भी है। पुल की मरम्मत के कारण रेलवे विभाग को मजबूरी में ट्रेनों को आधे रूट तक चलाना पड़ रहा था। इस वजह से देश से विदेश से आने वाले सैलानियों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही थी। ट्रेन में सफर के बाद यात्रियों को आगे का सफर टैक्सियों और बसों में करना पड़ रहा था। इससे सैलानियों को परेशानी के साथ ही आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा था। अब सभी ट्रेनों के कालका से शिमला तक चलने से पर्यटकों को इस परेशानी से निजात मिलेगी।

तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख हुआ पुल का काम

रेलवे विभाग के पुल नंबर 800 पर ट्रैक को सुरक्षित बनाने का कार्य चीफ ब्रिज इंजीनियर विभाग (सीबीई) के विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया है। पिछले वर्ष बरसात के दौरान यहां पर भारी भूस्खलन हुआ था। इस वजह से पटरी के नीचे की जमीन खिसक गई थी। इस बरसात में दोबारा ऐसी स्थिति से बचा जा सके। इसको लेकर रेलवे विभाग सतर्कता बरत रहा है और विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक ही इस कार्य को किया गया है।

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