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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर – फोटो : एक्स@CarterCenter
विस्तार
अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को निधन हो गया। कार्टर ने 100 साल की उम्र में देह त्यागी। 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जिमी कार्टर ने कई सारी उपलब्धियां अपने नाम कीं। इसी में एक है जब उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि अमेरिकी इतिहास में अबतक केवल चार राष्ट्रपतियों को ये सम्मान मिला है, जिनमें एक नाम जिमी कार्टर का शामिल है।
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मुखर विचार के माने जाने वाले कार्टर ने 1977 के अमेरिकी चुनाव में आर फोर्ड जैसे बड़ी शख्सियत को मात देकर राष्ट्रपति पद संभाला था। व्हाइट हाउस में वह लिंडन बी. जॉनसन और बिल क्लिंटन के कार्यकाल के बीच एकमात्र डेमोक्रेट राष्ट्रपति थे। बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले 1971 से 1975 तक वे जॉर्जिया के गवर्नर थे। जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्तूबर 1924 में हुआ था और उन्होंने इसी साल 1 अक्बतूर को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था।
इस वजह से मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
जिमी कार्टर अमेरिका में शांति और मानवीय कार्यों के लिए बहुत प्रयास किए। साथ ही 1978 में उन्होंने ऐतिहासिक कैंप डेविड समझौते की मध्यस्थता की। इससे जिससे मध्य पूर्व में शांति की एक रूपरेखा तैयार हुई। उनके इस योगदान के कारण ही उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पिता करते थे मूंगफली की खेती
जिमी कार्टर के पिता अर्ल कार्टर मूंगफली की खेती करते थे जबकि उनकी मां लिलियन गॉर्डी कार्टर एक नर्स थीं। कार्टर ने एनापोलिस में प्रसिद्ध अमेरिकी नौसेना एकेडमी में जाने से पहले जॉर्जिया साउथवेस्टर्न कॉलेज और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की।
जनता पार्टी के सरकार के दौरान आए थे भारत
जिमी कार्टर साल 1978 में भारत का दौरा भी कर चुके है। जब भारत में जनता पार्टी की सरकार थी। वे उस समय भारत आने वाले अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थे। बता दें कि जिमी कार्टर का भारत दौरा इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी की जीत के बाद हुआ था, जिसके बाद मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री बने थे।
पद से बाहर रहते हुए भी किए कई काम
पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने अपने कार्यकाल में अमेरिका के हित में कई सारे निर्णय लिए थे, जिसमें अमेरिका के मिडल ईस्ट संबंधों की नींव भी शामिल है। रोचक बात तो ये है कि राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी कार्टर ने कई सारे ऐसे काम किए, जिसमें कार्टर सेंटर नाम से एक चैरिटी संस्था की स्थापना भी शामिल है।
कार्टर सेंटर की स्थापना
1980 में कार्टर सेंटर की स्थापना से अमेरिका में कई सारे बदलाव देखने को मिले। इसमें चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। कार्टर के ऐसे कई फैसले है जिससे अमेरिकी नागरिक उन्हें कभी भुला नहीं पाएंगे।
2023 में 96 वर्ष की उम्र में पत्नी रोजलिन का हुआ था निधन
जिमी कार्टर जिस प्रकार से 100 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उसी तरह उनकी पत्नी रोजलिन ने भी 96 वर्ष की उम्र में 19 नवंबर 2023 को आखिरी सांस ली। जिमी कार्टर के परिवार में उनके चार बच्चे जैक, चिप, जेफ और एमी के अलावा 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोती हैं।