Jhunjhunu News: Government Orders To Stop Encroachment Flouted, Illegal Shops Built On Government Land – Amar Ujala Hindi News Live


राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राज्य में अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सख्ती के बावजूद झुंझुनू में खुलेआम केंद्रीय मरु अनुसंधान शाखा जोधपुर की सरकारी भूमि पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर 16 अवैध दुकानें बना डालीं। मामले में सरकार द्वारा दिए गए टोल फ्री नंबर पर और कलेक्टर के पास लिखित शिकायत दर्ज कराने के बाद भी मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मामला झुंझुनू जिले का है, जहां सरकारी भूमि खसरा संख्या 2784, कमरुद्दीन शाह दरगाह रोड पर भूमाफिया ने 16 अवैध दुकानें बना डालीं। राजस्थान सरकार द्वारा शिकायत निवारण टोल फ्री नंबर 181 पर इस मामले में कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन इसका निस्तारण करने के बजाय केवल खानापूर्ति की जा रही है। जिला कलेक्टर को भी मामले में लिखित शिकायत की जा चुकी है लेकिन अभी तक अवैध अतिक्रमण नहीं रुका है।
शिकायतकर्ता बाबर चोपदार ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मरू अनुसंधान शाखा जोधपुर के नाम से सरकारी भूमि दर्ज है, जिस पर कब्जा कर 16 अवैध दुकानें बनाई गई हैं। मामले की शिकायत कई बार पटवारी, तहसीलदार, जिला कलेक्टर व मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई भूमाफियाओं पर नहीं की गई। अब मरू अनुसंधान शाखा, जोधपुर में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट झुंझुनू तहसीलदार से मांगी है।
अवैध अतिक्रमण की अनदेखी के बाद प्रशासन से सवाल है कि
क्या सरकार द्वारा 181 पर दर्ज शिकायत के जल्द निस्तारण की बातों को स्थानीय प्रशासन नकार रहा है।
पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन के पास शिकायत आती है और फिर तहसीलदार को ट्रांसफर की जाती है। क्या तहसीलदार कार्यालय और भूमाफियाओं के बीच सांठगांठ है।
जब शिकायतों के निवारण के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल और जिला प्रशासन है तो समस्या का निवारण क्यों नहीं होता।
प्रशासन द्वारा पाबंद करने के बावजूद दुकानों का निर्माण कार्य किया गया और पटवारी ने रिपोर्ट में कार्य रुकवाया। अब कार्य पूरा होने के बाद क्या कार्रवाई की गई।
अवैध अतिक्रमण की शिकायतें प्रशासन को प्राप्त होती हैं लेकिन उन पर कोई कठोर कार्रवाई न करके सिर्फ उन्हें पाबंद करने की कार्रवाई क्यों की जाती है।