Published On: Wed, Oct 23rd, 2024

Jairam Thakur Said Sukhu Government Is Taking The Health System Towards Complete Collapse – Amar Ujala Hindi News Live – Jairam Thakur:नेता प्रतिपक्ष बोले


Jairam Thakur said Sukhu government is taking the health system towards complete collapse

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क

विस्तार


अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार स्वास्थ्य विभाग को सम्पूर्ण पतन की ओर ले जा रही है। लोगों का स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता में है ही नहीं। अब सरकार की नाकामी तानाशाही और हठधर्मिता के चलते हिमाचल प्रदेश को 63 विशेषज्ञ डॉक्टर्स नहीं मिल पाएंगे। इसका नुकसान आने वाले समय में प्रदेश को होगा। सिर्फ स्टाइपेन्ड न न देने की वजह से ऐसी स्थिति आई है। नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) ने हिमाचल प्रदेश में एमबीबीएस के बाद की जाने वाली डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) की डिग्री पर भी रोक लगा दी है।

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यह रोक सरकार की तानाशाही के कारण लगाई गई है, क्योंकि सरकार जबकि डीएनबी कर रहे मेडिकल छात्रों को संबंधित निर्धारित स्टाइपेंड नहीं दे रही थी। जिसके बारे में डीएनबी कर रहे मेडिकल छात्रों ने एनबीईएमएस को पत्र लिख कर अवगत कराया था। जिसके बाद एनबीईएमसे ने हिमाचल सरकार से पत्र लिख कर जवाब मांगा था। बार बार पत्र लिखे जाने के बाद भी हिमाचल प्रदेश सरकार कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं दे पायी, जिसके बाद हिमाचल के कोटे पर रोक लगा दी। डीएनबी कर रहे छात्रों को संबंधित राज्य सरकार अथवा मेडिकल कॉलेज द्वारा स्टाइपेंड दिया जाना एक अनिवार्य शर्त है। पहले से चिकित्सकों की कमी झेल रहे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए यह किसी कुठाराघात  से कम नहीं है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी तानाशाही से प्रदेश को कितना बड़ा नुकसान होगा। लोगों की जान बचाना। लोगों के लिए बेहतर और मानकीकृत इलाज देना सरकार की प्राथमिकता में है ही नहीं। इसी कारण ऐसा हुआ है। डीएनबी कर रहे समस्त मेडिकल छात्रों द्वारा हिमाचल सरकार को इस बारे में अवगत कराया गया था लेकिन सरकार मैं कोई सुनवाई नहीं। स्वास्थ्य विभाग में इस समय जो स्थिति है उसे अखबारों में हर दिन पढ़कर समझा जा सकता है। आईजीएमसी जैसे प्रदेश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान बहुत सामान्य सी जांच की किटें उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर्स  महीनों तक काली पट्टी बांध कर मरीजों का इलाज करते रहे। डॉक्टर्स का एनपीए रोका गया। मरीजों को मिलने वाली बहुत सारी सुविधाएँ उनसे छीनी गई। हिमकेयर के तहत प्रदेश के लाखों लोगों को 5 लाख तक के नि:शुल्क इलाज पर सरकार ने पाबंदी लगा दी। जिसके कारण लोग इलाज कराने के लिए भी कर्ज लेने को विवश है। जब से सत्ता में सुक्खू सरकार आई है तब से हर दिन सरकार द्वारा कुछ ना कुछ हर हिमाचली से छीना जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के संपूर्ण पतन की जिम्मेदारी सुक्खू सरकार की है। मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों पर रहम करे और कम से कम सरकार द्वारा स्वास्थ्य से जुड़ी दी गई सुविधाओं को न छीनें।

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