Published On: Mon, Aug 19th, 2024

Jairam Thakur Said Congress Govt Crores Are Being Spent On Ministers Offices No Money For Education – Amar Ujala Hindi News Live – Jairam Thakur:नेता प्रतिपक्ष बोले


Jairam Thakur said Congress Govt crores are being spent on ministers offices no money for education

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर/मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू।
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क

विस्तार


शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपये का ऑफिस बना सकती है। असंवैधानिक रूप से सीपीएस की नियुक्तियां करके करोड़ों उन पड़े खर्च कर सकती है, लेकिन बच्चों की शिक्षा देने वाले स्कूल नहीं चला सकती है। सरकार के द्वार स्कूल बंद करने के फैसले की वजह से आज लाहौल की बड़ी आबादी सड़कों पर हैं और सरकार से गुजारिश कर रही है कि ऐसे फैसले लेने के पहले विवेक का इस्तेमाल करे। अगर एनरोलमेंट शून्य है तो सरकार को उन कारणों पर बात करनी चाहिए, उसका पता लगाना चाहिए, हर स्तर पर जवाबदेही तय करनी चाहिए, लेकिन सरकार को सिर्फ बंद करने में ही आनंद आ रहा है।

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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लाहौल जैसी जगह में गांवों की आबादी क्या है? एक गांव से दूसरे गांवों के बीच दूरी क्या है? वहां तक स्कूली बच्चे कैसे पहुंचेगे? सरकार ने एक बार भी इन पहलुओं पर गौर नहीं किया। एक बार भी एक अभिभावक की तरह नहीं सोचा कि इस तुगलकी फैसले का लोगों पर क्या असर पड़ेगा? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरह से काम कर रहे हैं और सरकार चला रहे हैं, लोकतंत्र में इस तरह से सरकारें नहीं चलती हैं। सरकार का मुखिया सबको लेकर चलने वाला होता है तानाशाह नहीं। जो भी मन में आया उसे बंद कर दे। सिर्फ लाहौल ही नहीं डिनोटिफाई किए गए ज्यादातर स्कूलों का यही हाल है। जिन स्कूलों से बच्चों को दूसरे स्कूलों शिफ्ट किया जा रहा है क्या वह उन छोटे बच्चों के किए आसान है? वहां वह कैसे पहुंचेंगे? सरकार को इस बारे में ज़रूर सोचना चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का काम आखिरी छोर तक सुविधाएं पहुंचाना है, लेकिन सरकार का सारा ध्यान अपने मंत्रिमंडल के लोगों को खुश करने, उन्हें सुविधाएं प्रदान करने में हैं। एक तरफ सरकार कह रही है कि बजट नहीं हैं दूसरी तरफ करोड़ों रुपये खर्च करके मंत्रियों और सीपीएस के दफ्तर बनाए जा रहे हैं। इसका यही मतलब है कि सरकार के पास पैसा सिर्फ स्कूल और अस्पताल चलाने के लिए नहीं हैं मित्रों के लिए है। मुख्यमंत्री को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि बदलाव की शुरुआत स्वयं से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल बंद करने के अपने फैसले से प्रभावित हो रहे छात्रों और उनके अभिभावकों का ख़्याल रखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।

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