राजस्थान में इन दिनों युवाओं के मुद्दों पर दो बड़े नेताओं के बीच सियासी जंग तेज हो गई है। एक तरफ कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा हैं, तो दूसरी ओर नागौर सांसद व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी संयोजक हनुमान बेनीवाल। दोनों ही नेता आरएएस मुख्य परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने और एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द कराने को लेकर युवाओं के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन एक-दूसरे पर कटाक्ष भी कर रहे हैं।
आरएएस मुख्य परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्र सोमवार को कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के सरकारी आवास पहुंचे। छात्रों ने डॉ. किरोड़ी से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक पहुंचाएं। मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि वे छात्रों की मांगों को सरकार के समक्ष रखने के लिए तैयार हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि गर्मी के इस मौसम में धरना देते समय सावधानी रखें, धूप में बैठने की बजाय छांव में रहें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
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हनुमान बेनीवाल के बड़े धरने और रैलियों पर टिप्पणी करते हुए डॉ. किरोड़ी ने कहा कि लोकतंत्र में सिर गिने जाते हैं। उन्होंने बड़ी रैली की थी, उतनी ही संख्या में लोगों को लेकर धरने पर बैठेंगे तो एक बड़ा संदेश जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी भी स्थिति में सरकार के खिलाफ चल रहे किसी धरने में नहीं जा सकते, क्योंकि वे सरकार का हिस्सा हैं। डॉ. किरोड़ी ने यह भी जोड़ा कि बेनीवाल बड़े नेता हैं, वे जो चाहें बयानबाजी कर सकते हैं मैंने हमेशा उनका साथ दिया है।
एसआई भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कई बार एसओजी के दफ्तर जाकर दबाव बनाया, जिसके चलते 56 एसआई और 2 आरपीएससी के सदस्य जेल गए। उन्होंने पुनः अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
इधर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के बयानों पर हनुमान बेनीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि डॉ. साहब मेरे बयान के बाद ही धरना स्थल पर पहुंचे। यदि मैं बयान नहीं देता तो वे धरने पर नहीं जाते। उन्होंने सवाल उठाया कि डॉ. मीणा का मुकाबला बेनीवाल से है, मुख्यमंत्री से है या फिर कांग्रेस से? उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. मीणा सिर्फ जयपुर में रहकर धरने करना चाहते हैं, जबकि वे स्वयं पूरे प्रदेश का दौरा कर युवाओं के मुद्दों को उठा रहे हैं।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे एसआई भर्ती के पीड़ित अभ्यर्थियों को प्रधानमंत्री से मिलवाने ले जा रहे हैं, जबकि डॉ. मीणा ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि डॉ. साहब को आज प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक मिलने का समय नहीं मिल रहा है। उन्होंने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की उम्र का जिक्र करते हुए कहा कि अब उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। साथ ही एसआई भर्ती रद्द को लेकर बेनीवाल ने दो टूक कहा, एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करवाकर ही रहूंगा। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और हनुमान बेनीवाल के बीच चल रही इस सियासी खींचतान ने राजस्थान की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।