Published On: Sun, Nov 17th, 2024

Jaipur News: राजस्थान में अब मनपसंद स्कूलों से दूर जाएंगे गुरुजी, शिक्षा विभाग जल्द जारी करेगा सूचियां


जयपुर. राजस्थान में शिक्षा विभाग जल्द ही बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. प्रदेश में अभी तक अपनी मनपंसद स्कूलों में जमे बैठे गुरुजी को अब उसे छोड़ना ही होगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली. शिक्षा विभाग जल्द ही सरप्लस टीचर्स के समायोजन की प्रक्रिया शुरू करेगा. यह प्रक्रिया 25 नवंबर से शुरू हो जाएगी. उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग को 28 नवंबर तक संभावित पदस्थापन स्थान सहित सूची तैयार कर देनी है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इस पूरी प्रक्रिया को मॉनिटर कर रहे हैं. इस प्रक्रिया में सभी श्रेणी के टीचर्स शामिल होंगे.

शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार इसको लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था. प्रदेश के सैंकड़ों स्कूल ऐसे हैं जहां टीचर्स के पद खाली पड़े हैं. दूसरी तरफ सैंकड़ों टीचर्स अपने राजनीतिक रसूखों के चलते मनपसंद स्कूलों में जमे हुए हैं जबकि वहां टीचर्स सरप्लस हैं. लेकिन वे अपनी अप्रोच के चलते घर के पास वाले या शहर वाले स्कूल छोड़ नहीं रहे हैं. वे कोई न कोई जुगाड़ भिड़ाकर लंबे समय से वहीं जमे हैं. जबकि दूरदराज के स्कूलों में बच्चे टीचर्स के लिए तरस रहे हैं.

सरप्लस टीचर्स और खाली पदों की सूची बनाने के आदेश दे दिए गए हैं
शिक्षा मंत्री का कहना है कि अब ऐसा नहीं चलेगा. गुरुजी को अपना मनपसंद स्कूल छोड़ना ही होगा. चाहे वो कितनी भी अप्रोच क्यों ना रखता हो. शिक्षा विभाग की ओर से सरप्लस टीचर्स को प्रदेश के जिलों के विद्यालयों में एडजस्ट किया जाएगा. इन टीचर्स को महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों और अन्य क्रमोन्नत हुए विद्यालयों में भेजा जाएगा. शिक्षा अधिकारियों को सरप्लस टीचर्स की स्क्रूटनी करने और स्कूलों में खाली चल रहे पदों की सूची बनाने के आदेश दे दिए गए हैं.

टीचर्स को है ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार
28 नवंबर तक तैयारी पूरी हो जाने के बाद सरप्लस टीचर्स को खाली पदों वाली स्कूलों में भेजा जाएगा. इससे उन स्कूलों को राहत मिलेगी जिनमें टीचर्स का अभाव है और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. उल्लेखनीय है कि राजस्थान में टीचर्स के तबादलों को लेकर लंबे समय से पॉलिसी लाने की चर्चाएं चल रही है लेकिन वह अभी तक नहीं बन पाई है. कई टीचर्स बरसों से दूरदराज के इलाकों में बैठे हैं. वे घर या फिर घर के पास आने के लिए तरस रहे हैं. जबकि कई ऐसे हैं जो बरसों से अपने घर के पास ही टिके हैं. दूर जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं.

FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 11:46 IST

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