IT Sector: उद्योग से जुड़े एक्सपर्ट बोले-आईटी क्षेत्र के रूप में तेजी से उभर रहा भारत, इनोवेशन पर फोकस की जरूरत

नई दिल्ली. उद्योग विशेषज्ञों ने आगामी प्रौद्योगिकी युग में नवप्रवर्तन और प्रौद्योगिकी विकास (Technology Development) के उद्देश्य से भारत को एक प्रमुख हॉटस्पॉट बनाने के लिए ऐसे संगठनों के गठन की जरूरत बताई है जो मेटावर्स जैसी भावी प्रौद्योगिकियों में नवप्रवर्तन (Innovation) और कौशल विकास (Skill Development) पर ध्यान केंद्रित करें. नई प्रौद्योगिकियों को सीखने, अपनाने और समझने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने से संगठनों में संस्कृति बदलेगी जिससे वेब 3.0, ब्लॉकचेन और मेटावर्स जैसी नई प्रौद्योगिकियों में और अधिक नवप्रवर्तन होगा.
ये विचार टेक्नोलॉजी एनालिटिक्स, अनुसंधान एवं परामर्श सेवा कंपनी टेकआर्क द्वारा आईडीसी (IDC) के साथ मिलकर आयोजित वेबिनार में नासकॉम सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर आईओटी एंड एआई के सीईओ संजीव मल्होत्रा, टेक महिन्द्रा के मुख्य रणनीति अधिकारी जगदीश मित्रा, कंपास आईडीसी में वरिष्ठ निदेशक और एआई प्रमुख रूशी भट्ट और ट्रैकफोन वायरलेस में डेटा साइंस के प्रमुख आविष्कार मिश्रा द्वारा व्यक्त किए गए. कंपास आईडीसी, अमेरिका स्थित रीयल एस्टेट टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म कंपास इंक का विदेश विकास केंद्र है जो रीयल एस्टेट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों पर काम करता है.
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में काम कर रहीं कई कंपनियां
नासकॉम सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर (आईओटी) एंड (एआई) के सीईओ संजीव मल्होत्रा ने कहा कि भारत में स्टार्टअप की संस्कृति पिछले कुछ वर्षों से तेजी से बढ़ रही है. हम हर साल 10 फीसद स्टार्टअप्स जोड़ रहे हैं और भारत को विश्व में तीसरा सबसे बड़ा पारितंत्र बना रहे हैं. एप्लीकेशंस, कोर रिसर्च के मामले में यहां कई स्टार्टअप्स हैं. लेकिन हमने सैस की ओर वास्तविक छाप छोड़ी है. किफायती स्वास्थ्य जांच, शिक्षा और पर्यावरण में कई नवप्रवर्तन किए गए हैं. यहां ऐसी कंपनियां हैं जो डिजिटल परिवर्तन की दिशा में काम कर रही हैं और यह किसी कंपनी के लिए पकड़ बनाने के लिहाज से एक बहुत व्यापक क्षेत्र है.
कंपास आईडीसी में वरिष्ठ निदेशक और एआई प्रमुख रूशी भट्ट ने कहा कि भारत विश्व के लिए आगामी प्रौद्योगिकी युग को नया आकार देने को तैयार है और इस देश में प्रतिभाओं को देखते हुए भारत का आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र नवप्रवर्तन एवं अग्रणी प्रौद्योगिकी के विकास के लिए एक प्रमुख हॉटस्पॉट के तौर पर उभर रहा है. सालों से भारत को लो-एंड प्रोसेसिंग और आउटसोर्सिंग के साथ जोड़कर देखा जाता रहा है और बड़ी मात्रा में काम नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र जैसे बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , मशीन लर्निंग , मोबिलिटी, आईओटी, ब्लॉकचेन आदि के क्षेत्र में किया जा रहा है.
डिजिटल कारोबार को लेकर अवसरों का सृजन करने पर फोकस
टेक महिन्द्रा के मुख्य रणनीति अधिकारी और वृद्धि प्रमुख जगदीश मित्रा ने कहा कि हमारे पास कौशल का एक मजबूत आधार है जिसमें इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग प्रतिभा शामिल है. हालांकि, कुछ ऐसे चीजें हैं जिनका हम आगे निर्माण कर सकते हैं क्योंकि बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी के लिहाज से मोबाइल लोग उत्पाद, परिवर्तनकारी समाधान और प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल कारोबार को लेकर अवसरों का सृजन करने पर केंद्रित हैं.
भारत उन्नत प्रौद्योगिकियों में निभा रहा भूमिका
इस कार्यक्रम के सूत्रधार टेकआर्क के संस्थापक और मुख्य विश्लेषक फैसल कावुसा रहे. कावुसा ने कहा कि भारत अगले दशक में प्रौद्योगिकी या डिजिटल क्षेत्र में किसी भी नवप्रवर्तन में बहुत अहम भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि भारत की प्रौद्योगिकी प्रतिभा और संसाधनों का उपयोग अनूठे समाधान विकसित करने में किया जाएगा. भारत की भूमिका महज मौलिक नौकरियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह देश एआई, बिग टेक आदि जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.