It is legally mandatory to get police verification of outsiders | बाहरी व्यक्ति का पुलिस सत्यापन कराना कानूनी रूप से जरूरी: सत्यापन मालिक की जिम्मेदारी,सीसीटीवी में 30 दिन का रहना चाहिए बैकअप,जांच में नहीं मिले तो होगी कार्रवाई – Jaipur News

जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने शहर में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं, जो 5 जून से 4 अगस्त तक प्रभावी रहेंगे। इन आदेशों में व्यावसायिक संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने
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एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉ.रामेश्वर सिंह ने बताया कि कुछ व्यक्तियों के अलगाववादी, आतंकवादी या समाज विरोधी तत्व होने की आशंका भी जताई गई है। ऐसे में पुलिस सत्यापन जरूरी है। इसका उद्देश्य चोरी, लूट, डकैती और अन्य अपराधों को रोकना, साथ ही महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है। वहीं, जयपुर के सभी वित्तीय, वाणिज्यिक और व्यावसायिक संस्थानों जैसे बैंक, एटीएम, ज्वैलरी दुकानें, पेट्रोल पंप, मॉल, होटल, सिनेमाघर, शराब की दुकानें, रेस्तरां, बार, स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को अपने परिसरों में और बाहर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया है। इन कैमरों में नाइट विजन 30 दिन की रिकॉर्डिंग स्टोरेज और पावर बैकअप की सुविधा होनी चाहिए। कैमरों को इस तरह स्थापित करना होगा कि वे प्रवेश-निकास द्वारों और महत्वपूर्ण गैर-निजी क्षेत्रों को कवर करें। इन कैमरों को सतत कार्यशील रखना और उनकी नियमित जांच करना संस्थानों की जिम्मेदारी होगी। संस्थानों को सीसीटीवी की जानकारी स्थानीय थाने में एक माह के भीतर जमा करानी होगी।
कैमरे नहीं लगाने वालों पर होगी कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे न केवल अपराधों की रोकथाम में सहायक होंगे, बल्कि आपराधिक घटनाओं के साक्ष्य के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये कैमरे आमजन और संस्थानों में कार्यरत लोगों के बीच सुरक्षा का विश्वास बढ़ाएंगे और व्यावसायिक गतिविधियों के विकास में भी योगदान देंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई होगी।
स्थानीय थाने ने 15 दिन के भीतर कराए सत्यापन जयपुर में हाल के वर्षों में घरेलू नौकरों, ड्राइवरों, चौकीदारों और अन्य कर्मचारियों द्वारा हत्या, लूट, चोरी और जहरखुरानी जैसी गंभीर आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस थाना करधनी, करणी विहार, मानसरोवर और अशोक नगर में ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। इन घटनाओं को देखते हुए, पुलिस ने मकान मालिकों और व्यावसायिक संस्थानों को अपने कर्मचारियों, किरायेदारों, ड्राइवरों, चौकीदारों और सैल्समैन जैसे व्यक्तियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। सत्यापन स्थानीय थाने से 15 दिनों के भीतर करवाना अनिवार्य होगा।