Isro Report On Global Warming Methane Gas Emission Increasing In Rajasthan News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live


राजस्थान में बढ़ रहे तापमान पर इसरो की रिपोर्ट में खुलासा।
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चिड़ावा में कचरे के ढेर से मीथेन गैस बहुत ज्यादा निकल रही है। इसका सीधा असर हमारे मौसम पर पड़ रहा है। तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) की ओर से पिछले दिनों किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है।
राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, तारानगर और चिड़ावा में कचरे के ढेर से मीथेन गैस बहुत ज्यादा निकल रही है। इसका सीधा असर हमारे मौसम पर पड़ रहा है। तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से पिछले दिनों किए गए एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ। अध्ययन में बाड़मेर, जैसलमेर, तारानगर और चिड़ावा के लैंडफिल स्थल देश के शीर्ष 22 मीथेन हॉटस्पॉट में पाए गए। इनमें बाड़मेर चौथे, जैसलमेर छठे, तारानगर आठवें और चिड़ावा ग्यारहवें नंबर पर है।
शोधकर्ताओं ने ठोस अपशिष्ट लैंडफिल साइटों, डंपिंग यार्ड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वेटलैंड्स, तेल और गैस क्षेत्रों, तेल रिफाइनरियों और कपड़ा उद्योगों से निकलने वाले अलग-अलग मीथेन प्लम की पहचान की। इसमें मीथेन बढ़ने का मुख्य कारण कचरे का सही से निस्तारण नहीं होना माना गया।
इसरो के अध्ययन में ये हैं बड़े उत्सर्जक
अध्ययन में बाड़मेर में एक साइट (ओ एंड जी एबीएच फेसिलिटी, बंदा तलवार) को सबसे बड़ा उत्सर्जक बताया गया है, जो प्रति घंटे 1476 किलोग्राम मीथेन उत्सर्जित करता है। इसी तरह जैसलमेर में (ओ एंड जी, जीजीएस) 932 किलोग्राम/घंटा मीथेन उत्सर्जित पाया गया। तारानगर में (एसडब्ल्यू भूतिया) 589 किलोग्राम/घंटा और चिड़ावा में (एसडब्ल्यू डंप) 589 किलोग्राम/घंटा मीथेन उत्सर्जित करता है।
कचरे का सही निस्तारण नहीं
शोधकर्ताओं ने ठोस अपशिष्ट लैंडफिल साइटों, डंपिंग यार्ड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वेटलैंड्स, तेल और गैस क्षेत्रों, तेल रिफाइनरियों और कपड़ा उद्योगों से निकलने वाले अलग-अलग मीथेन प्लम की पहचान की। इसमें मीथेन बढ़ने का मुख्य कारण कचरे का सही से निस्तारण नहीं होना माना गया। दरअसल मीथेन गैस वातावरण को गर्म करती है। इससे ग्लोबल वार्मिंग होती है और तापमान बढ़ता है।
साइटों पर जाकर अध्ययन करेंगी टीमें
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि इसरो की रिपोर्ट सामने आने के बाद विभिन्न सरकारी विभागों की टीमें इन जगहों पर जाकर अध्ययन करेंगी और समस्या का हल ढूंढेंगी। राजस्थान के चार शहर मीथेन के हॉट स्पॉट मिले हैं। इसके अध्ययन के लिए टीमें संबंधित जगहों पर जाएंगी। टीम के आने से पहले संबंधित नगर पालिका के ईओज के साथ मीटिंग कर जानकारी ली जाएगी।
झुंझुनू ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार मीथेन गैस
मीथेन शक्तिशाली गैस है। इसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड से 28 गुना ज्यादा है जो हमारे ग्रह के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसे देखते हुए मीथेन के हॉट स्पॉट का अध्ययन किया जाएगा।