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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ – फोटो : एएनआई
विस्तार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जनवरी 2025 में एनवीएस-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) पर लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि यह मिशन अगले साल के लिए नियोजित कई मिशनों में से एक है। पीएसएलवी-सी60 के सफल प्रक्षेपण के बाद सोमनाथ ने यह घोषणा की, जिसमें स्पैडेक्स और अन्य पेलोड को ले जाया गया है।
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इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि 29 मई, 2023 को जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट ने एनवीएस-01 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। उन्होंने बताया कि एनवीएस-01 उपग्रह में एक स्वदेशी परमाणु घड़ी है, जो नैविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (एनएवीआईसी) की क्षमताओं को बढ़ाती है। इसमें व्यापक सेवा कवरेज के लिए एल1 बैंड सिग्नल शामिल है। उन्होंने कहा कि एनवीएस-02 मिशन इस प्रगति को जारी रखने की उम्मीद है, जो उन्नत सुविधाओं के साथ एनएवीआईसी प्रणाली को और मजबूत करेगा।
इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में दी जानकारी
इस मौके पर इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें विभिन्न मॉड्यूल शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर लॉन्च किया जाएगा और दो अलग-अलग मॉड्यूल में एकीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन मॉड्यूल को कक्षा में पहुंचने और फिर पृथ्वी की कक्षा और चंद्रमा की कक्षा दोनों में डॉक करने की आवश्यकता है।
अंतिम डॉकिंग 7 जनवरी तक पूरी होने की उम्मीद
इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रयान-4 का लक्ष्य चंद्रमा पर उतरना और सफलतापूर्वक वापस आना है। उन्होंने बताया कि अंतिम डॉकिंग प्रक्रिया 7 जनवरी 2025 के आसपास पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा, ‘यह चंद्रयान-4 के लिए परीक्षण स्थल है। डॉकिंग कल शुरू होगी और कई प्रक्रियाएं होंगी, लेकिन अंतिम डॉकिंग संभवतः 7 जनवरी तक होगी।’
100वें प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा इसरो
सोमनाथ ने इसरो के 99वें प्रक्षेपण का जश्न मनाते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और अगले साल 100वें प्रक्षेपण की तैयारी चल रही है। हाल ही में पीएसएलवी-सी60 ने दो स्पैडेक्स उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन की सफलता पर खुशी व्यक्त की
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मिशन की सफलता पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि भारत अब अंतरिक्ष डॉकिंग करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। यह उपलब्धि भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्पाडैक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को डॉक करना है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक साबित होगा।