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संवाद न्यूज एजेंसी, पालमपुर (कांगड़ा)
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 27 Sep 2024 10:31 AM IST
प्रदेश के किसानों के लिए कृषि कार्यों में बेहतर उत्पादन के लिए प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कृषि विशेषज्ञों ने एडवाइजरी जारी की है।
धान की फसल(सांकेतिक) – फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए कृषि कार्यों में बेहतर उत्पादन के लिए प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कृषि विशेषज्ञों ने एडवाइजरी जारी की है। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि धान की बालियां और फूल निकलने के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। धान में नाइट्रोजन की अंतिम टाप ड्रसिंग, बाली बनने की प्रारंभिक अवस्था में 15 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें।
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टाप ड्रेसिंग करते समय खेत में 2 से 3 सेंटीमीटर से अधिक पानी नहीं होना चाहिए। मक्का की फसल में नर मंजरी निकलने की अवस्था एवं दाने की दूधियावस्था सिंचाई की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जहां वर्षा नहीं हुई हो या नमी की कमी हो, तो सिंचाई अवश्य करें। मक्का की कटाई तब करें जब भुट्टों के ऊपर की पत्तियां सूखने लगे तथा दाना सख्त हो जाए। इस समय बरसीम की बिजाई की जा सकती है। प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में फूलगोभी की किस्में पालम उपहार, इंप्रूवड जापानीज, मेघा आदि की तैयार पौध की रोपाई करें।