Inspection was to be done immediately, now the process is going on | तुरंत निरीक्षण होना था, अब प्रक्रिया चल रही है: 135 अस्पतालों ने 3 साल तक बिना निरीक्षण RGHS में इलाज किया, क्लेम भी उठाया – Jaipur News

राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में निजी अस्पतालों और सिस्टम के बीच भ्रष्टाचार के एक और गठजोड़ का खुलासा हुआ है। भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि 135 निजी अस्पताल 3 साल तक बिना निरीक्षण स्कीम में इलाज करते रहे। ये सभी ऑटो अप्रूव्ड कैटेगरी के
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जानकारी के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया पर अब अमल हो रहा है। एक सप्ताह में इन सभी के निरीक्षण और ट्रेनिंग का काम पूरा हो जाएगा। 3 साल बाद इन 135 अस्पतालों का निरीक्षण करने की सुध भी इसलिए आ गई, क्योंकि इनमें से एक की गड़बड़ी उजागर हो गई। जोधपुर का भारत हॉस्पिटल बुखार, खांसी व जुकाम जैसी बीमारियों में भी 50 से ज्यादा जांचें कर रहा था। जांच में सामने आया कि ये अस्पताल बिना निरीक्षण के ही इलाज कर रहा है। तब बाकियों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई।
दोनों अस्पतालों का टीएमएस सस्पेंड, जांच के लिए कमेटी का गठन किया
भास्कर के खुलासों के बाद दीपसिया व उर्मिल हॉस्पिटल का ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) सस्पेंड और पेमेंट ब्लॉक कर दिया है। आरजीएचएस की प्रोजेक्ट डायरेक्टर शिप्रा विक्रम की ओर से जारी आदेश के अनुसार जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की गई है। इसकी पहली टीम में आरजीएचएस की वरिष्ठ लेखाधिकारी कविता वर्मा व सहायक लेखाधिकारी बजरंग लाल ज्याणी और दूसरी टीम में सहायक परियोजना निदेशक बिंदु कुमावत व सहायक लेखाधिकारी सीताराम यादव को शामिल किया गया है। दोनों टीमों के साथ आरजीएचएस के एक चिकित्सा सलाहकार भी रहेंगे।