INS ब्रह्मपुत्र हादसा : नौसैनिक सितेंद्र सिंह शहीद, 3 दिन बाद मिला शव
झुंझुनूं. झुंझुनू का एक और वीर सपूत शहीद हो गया. 21 जुलाई को मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में INS ब्रह्मपुत्र में हुए हादसे में शहीद जूनियर नाविक सितेन्द्र सिंह सांकला झुंझुनू के डागर गांव का रहने वाला था. उसका पार्थिव शरीर हादसे के तीन दिन बाद आज गोताखोरों ने गहरे समुद्र से खोज निकाला.
सैनिकों की जन्म भूमि कहे जाने वाले झुंझुनूं जिले के वीर सपूत देश की रक्षा में अपने प्राणों की बाजी लगा रहे हैं. हाल ही में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए जिले के दो जवान शहीद हो गए थे. अब चिड़ावा के डांगर गांव का एक और जवान देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया.
INS ब्रह्मपुत्र में हादसा
21 जुलाई को मुंबई (महाराष्ट्र) के नेवी डॉकयार्ड में मेंटेनेंस के लिए खड़े INS ब्रह्मपुत्र में आग लग गई थी. अधिकारियों के अनुसार जब ये हादसा हुआ तब मल्टी रोल फ्रिगेट नेवल डॉकयार्ड में मरम्मत का काम चल रहा था. हादसे में झुंझुनूं जिले के डांगर का एक जूनियर नाविक शहीद हो गया. 23 वर्षीय शहीद जवान सितेंद्र सिंह सांखला पुत्र पूर्ण सिंह सांखला झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के गांव डांगर गांव का रहने वाला था.
गोताखोरों ने निकाली पार्थिव देह
नेवी जवान सत्येन्द्र सिंह सांखला के चाचा पवन सिंह सांखला ने बताया रविवार 21 जुलाई को आईएनएस ब्रह्मपुत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अगले दिन नेवी के अधिकारियों ने सूचना दी थी कि दुर्घटना के बाद से सितेंद्र सिंह सांखला लापता हैं. उनकी तलाश की जा रही है. बुधवार 24 जुलाई को सुबह 3 बजे सितेंद्र सिंह सांखला का शव नेवी के गोताखोरों ने ढूंढ़ निकाला.
गुरुवार सुबह गांव लायी जाएगी पार्थिव देह
आग लगने की घटना के बाद आईएनएस ब्रह्मपुत्र एक तरफ झुक गया था. जहाज पर लगी आग को 16 घंटे बाद बुझाया जा सका था. जिस वक्त हादसा हुआ, तब आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगभग 300 अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौजूद थे. सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया. लेकिन झुंझुनूं का जवान सितेंद्र सिंह लापता था. सितेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर पहले दिल्ली और फिर उसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे तक सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव डांगर लाया जाएगा. डांगर में सैनिक सम्मान से शहीद सितेंद्र सिंह सांखला का अन्तिम संस्कार किया जाएगा. शहीद के सम्मान में गुरुवार सुबह तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी.
2018 में नौसेना में हुआ था भर्ती
सितेंद्र सिंह सांखला 2018 में नेवी में नाविक के पद पर भर्ती हुए थे. अभी 3 महीने पहले मार्च में उनके चचेरे भाई की एक हादसे में मौत हो गयी थी. सितेंद्र सिंह तब गांव आए थे. गांव के लोगों ने बताया सितेंद्र काफी मिलनसार और हंसमुख थे. उनके परिवार में पिता पूर्ण सिंह और माता प्रेम देवी हैं, जो गांव में ही रहते हैं. आजीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर है. सितेंद्र का एक बड़ा भाई मनेन्द्र सिंह है, जो जोधपुर में निजी शिक्षण संस्था में शिक्षक है.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 22:25 IST