Published On: Thu, Jun 13th, 2024

Indresh Kumar said- Arrogance stopped BJP at 241 | RSS के इंद्रेश बोले-अहंकार ने भाजपा को 241 पर रोका: राम सबके साथ न्याय करते हैं, जिस पार्टी ने भक्ति की, घमंड किया तो पूरी ताकत नहीं दी – Jaipur News


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को कहा- राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी

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इंद्रेश कुमार जयपुर के पास कानोता में रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा, जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी, उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर (INDIA ब्लॉक) भी नंबर-1 नहीं बने, नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, बड़ा आनंददायक है।

इसलिए जिस पार्टी ने भक्ति की,अहंकार आया, उस पार्टी को 241 पर रोक दिया, पर सबसे बड़ी बना दिया। जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी। उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया। कहा-तुम्हारी अनास्था की यहीं दंड तुमको है कि तुम सफल नहीं हो सकते।

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार गुरुवार को जयपुर के पास कानोता में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार गुरुवार को जयपुर के पास कानोता में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए तो रामजी ने 5 साल का विश्राम दिया
अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार पर भी इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो राम की भक्ति करे, फिर अहंकार करे, जो राम का विरोध करे, उसका अकल्याण अपने आप हो गया। लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए थे तो रामजी ने कहा कि 5 साल आराम करो, अगली बार देख लेंगे।

राम-सीता के परित्याग से दी भाजपा को नसीहत
इंद्रेश कुमार ने राम की ओर से सीता का परित्याग करने के पीछे भी नई कहानी बताते हुए भाजपा को नसीहत दी। उन्होंने कहा राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेघ यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे। राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ।

इंद्रेश कुमार ने कहा- अंत में एक समय आता है तो मां सीता ने आकर कहा- तुम्हारे राज्य में लोगों को यह शक होने लगा है कि तुम भोग विलास में तो नहीं लग जाओगे। अपने रिश्तेदारों में और भाइयों के हितों में तो नहीं उलझ जाओगे। आपके अंदर भी सत्ता का अहंकार तो नहीं आ जाएगा, जब यह चर्चा सीता ने की तो राम ने पूछा करना क्या है, तो राम ने सीता से पूछा कि मुझे किस चीज का परित्याग करना है।

सीता ने कहा कि आपकी प्रियतम कौन है। उस प्रियतम का आप त्याग कीजिए। दुनिया आपको हमेशा के लिए उदाहरण मानकर आपका सम्मान करेगी। इसलिए राम ने चर्चा करके ही सीता के त्याग की परिकल्पना की थी।यह तय हुआ कि जब तक सीता वनवास में रहेगी तो हनुमान जी उनके सेवक और दूत बनकर उनके पास रहेंगे।

इंद्रेश कुमार ने कहा- जब तक सीता परित्याग में रही, हनुमान सेवक बनाकर उनकी सेवा करते रहे। राम क्या सोचते हैं यह सीता को पता होता था, सीता क्या करती है, यह राम को पता होता था। इसके बाद राम जितने वर्षों तक जिंदा रहे राजसी सुखों का भोग नहीं किया। राजमहल में चटाई बिछाकर सोते थे, कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठते थे।

कौन है इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं। वे संघ में वरिष्ठ प्रचारक भी रहे हैं। मुसलमानों को संघ की विचारधारा से जोड़ने के लिए इन्होंने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना सन 2002 में की थी। इंद्रेश कुमार हिमालय परिवार, पूर्व सैनिकों के लिए संगठन की स्थापना भी कर चुके हैं। वे जम्मू-कश्मीर में प्रांत प्रचारक भी रहे हैं। राजस्थान से भी इंद्रेश कुमार का जुड़ाव रहा है।

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