{“_id”:”683d42c94c77d8c25b0fb3da”,”slug”:”i-am-not-plastic-bags-banned-in-himachal-now-action-will-be-taken-2025-06-02″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Himachal News: मैं प्लास्टिक नहीं हूं… थैले पर हिमाचल में लगा प्रतिबंध, अब होगी कार्रवाई”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन
Published by: Krishan Singh
Updated Mon, 02 Jun 2025 11:52 AM IST
दुकानों में विभागीय टीमें निरीक्षण शुरू करेंगी। इसके लिए 13 विभागों को जांच का जिम्मा दिया है। लोगों व दुकानदारों से संबंधित थैले का इस्तेमाल न करने का आग्रह भी किया है।
मैं प्लास्टिक नहीं हूं… थैला। – फोटो : संवाद
विस्तार
प्रदेशभर में मैं प्लास्टिक नहीं हूं… का दावा करने वाले थैले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब इस थैले में सामान देने पर या प्रयोग करने पर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार से दुकानों में विभागीय टीमें निरीक्षण शुरू करेंगी। इसके लिए 13 विभागों को जांच का जिम्मा दिया है। लोगों व दुकानदारों से संबंधित थैले का इस्तेमाल न करने का आग्रह भी किया है। निरीक्षण के दौरान यदि दुकानों या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में थैले मिलेंगे तो नियमानुसार कार्रवाई व चालान किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने बीते दिनों आदेश जारी कर दिए हैं और एक जून से इसे प्र्रभावी कर दिया है। अधिसूचना के अनुसार दुकानदार व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान में बैग का प्रयोग नहीं हो सकेगा। ये बैग नाइलोन या अन्य प्लास्टिक पदार्थ जैसे पॉली-विनायल-कार्बोहाइड्रेट्स (पीवीसी) पॉलीप्ररापाइलीन व पॉली-स्टाइरीन से तैयार होता है।
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ये माइक्रोन थैले हिमाचल के वातावरण में नष्ट नहीं होते हैं।ऐसे में सरकार ने इन बैग को भी बंद करने का निर्णय ले लिया है। प्लास्टिक लिफाफे का प्रयोग बंद होने के बाद अब ज्यादातर दुकानदार इस तरह के लिफाफे का प्रयोग कर रहे थे। इस माइक्रोन लिफाफे पर मैं प्लास्टिक नहीं हूं… समेत पर्यावरण मित्र होने का दावा किया था। विशेषज्ञों के अनुसार ये बैग आसानी से डिस्पोज नहीं होते हैं। इसे लेकर हिमाचल में प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रकार के बैग को नष्ट करने के लिए छह माह तक 35 से 40 डिग्री तक तापमान की जरूरत है। जबकि हिमाचल में इतना तापमान केवल गर्मियों में रहता है। सर्दियों के दौरान तापमान काफी नीचे चला जाता है। ऐसे में ये डिस्पोज नहीं होते। ये खाद बनाने जीव नाशित बैग पर्यावरणीय प्रदूषण व अव्यवस्थित कचरे के फैलाव को बढ़ावा दे रहे हैं।